हिंदू कैलेंडर के अनुसार गृहप्रवेश, मुंडन, शादी, सगाई और अन्य मांगलिक कामों के लिए शुभ महीन, तिथि, वार, नक्षत्र और शुभ दिन का विचार किया जाता है। इन सबको देखते हुए ही किसी शुभ काम के लिए मुहूर्त निकाला जाता है।
उज्जैन. काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार जून के शुरुआती दिनों में शुक्र तारा अस्त रहेगा। इसके बाद मांगलिक कामों के लिए सिर्फ 8 दिन ही शुभ मुहूर्त रहेंगे। फिर जुलाई की शुरुआत में देवशयन हो जाएगा। इस कारण अगले चार महीनों तक कोई मांगलिक काम नहीं किए जाएंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. मिश्र के अनुसार इस साल शुक्र और गुरु तारा अस्त होने के साथ ही चातुर्मास और धनुर्मास के कारण शुभ कामों के लिए मुहूर्त बहुत ही कम है। इससे पहले कोरोना महामारी के चलते कई लोगों के विवाह में अड़चनें आ चुकी हैं। इस महामारी के कारण विवाह और सभी शुभ कामों के लिए अबूझ मुहूर्त अक्षय तृतीया पर्व पर भी शुभ काम नहीं किए जा सके। इसलिए अब कई लोगों को भड़ली नवमी का इंतजार है। पं. मिश्र का कहना है कि देश केे कुछ हिस्सों में भड़ली नवमी को भी अबुझ मुहूर्त मानकर शुभ काम किए जाते हैं। जबकि ज्योतिष ग्रंथों में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है। इस बार भड़ली नवमी 29 जून को आ रही है।
अशुद्ध मुहूर्त
- 31 मई से 08 जून तक शुक्र का तारा अस्त होने की वजह से समय अशुद्ध रहेगा।
- 1 जुलाई से 24 नवंबर तक देवशयन के कारण शुभ कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे।
- 1 जुलाई से ही चातुर्मास शुरू हो जाएगा जोकि 24 नवंबर तक रहेगा। इन दिनों में भी शुभ मुहूर्त नहीं रहेंगे।
- इसके बाद 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच में सूर्य धनु राशि में आ जाएगा। जिसे धनुर्मास कहते हैं। इस एक महीने के दौरान भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं।
- इस दौरान 17 दिसंबर को गुरु तारा भी अस्त हो जाएगा। जो कि 11 जनवरी को उदय होगा।
इस साल विवाह के मुहूर्त
जून- 11, 13, 15, 16, 25, 27, 29 और 30 जून
नवंबर- 25, 27, 30 नवंबर
दिसंबर- 1, 7, 9, 10, 11 दिसंबर