कृत्तिका नक्षत्र में 22 मई को मनाई जाएगी शनि जयंती, इस दिन महिलाएं करेंगी वटसावित्री व्रत

ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 22 मई, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान शनिदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है।

Asianet News Hindi | Published : May 15, 2020 6:33 PM IST

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्‌ट के अनुसार, इस बार शनि जयंती कृतिका नक्षत्र में मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि 21 मई, गुरुवार को 9.35 से प्रारंभ होगी, जो 22 मई, शुक्रवार रात 11.07 तक रहेगी। इसी दिन महिलाएं अंखड सुहाग के लिए वटसावित्री का व्रत भी करेंगी।

शनिदेव की पूजा का विशेष दिन
पं. भट्‌ट के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में शनि को दंडाधिकारी कहा जाता है यानी मनुष्यों को उनके किए अच्छे-बुरे कर्मों का फल शनिदेव ही उन्हें प्रदान करते हैं। जिस पर शनि की नजर पड़ जाए उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। शनि का अशुभ प्रभाव साढ़ेसाती और ढय्या के रूप में लोगों को भोगना पड़ता है। शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनि जयंती पर विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन शनि देव की पूजा से कुंडली से दोष भी दूर हो जाते हैं। शनि जयंती पर भक्तजन शनिदेव के मंदिरों में तेल चढ़ाते हैं, और अपने पहने हुए कपड़े, चप्पल, जूते आदि सभी मंदिर ही छोड़कर घर चले जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पाप और दरिद्रता से छुटकारा मिल जाता है।

Latest Videos

वटसावित्री व्रत भी इसी दिन
ज्येष्ठ मास की अमावस्या को ही वटसावित्री व्रत भी किया जाता है। ये महिला प्रधान व्रत है। इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र और परिवार की सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं और वटवृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। पूजा के बाद महिलाएं सत्यवान और सावित्री की कथा सुनती हैं। ये व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला है।
 

Share this article
click me!

Latest Videos

उप मुख्यमंत्री के दबंग और नाबालिग बेटे का टशन, पुलिस के सामने बनाया रील
बचाओ-बचाओ...गिड़गिड़ाती रही महिला पुलिस और लेडी ने फाड़ दी वर्दी-Video Viral
दिल का दौरा पड़ते ही करें 6 काम, बच जाएगी पेशेंट की जान #Shorts
एक थी महालक्ष्मी! फ्रिज से शुरू हुई कहानी पेड़ पर जाकर हुई खत्म, कागज के पर्चे में मिला 'कबूलनामा'
रोया और अपने ही घर में 27 घंटे टॉर्चर झेलता रहा इंजीनियर,खौफनाक रात में गवांए 35 लाख