25 अक्टूबर को करें शस्त्र पूजा, ये है पूरी विधि और शुभ मुहूर्त

आश्विन मास की दशमी तिथि को विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 25 अक्टूबर (पंचांग भेद के कारण कुछ स्थानों पर 26 अक्टूबर को भी दशहरा मनाया जाएगा) को है। दशमी तिथि पर शस्त्र पूजन करने की भी परंपरा है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 25, 2020 3:36 AM IST

उज्जैन. आश्विन मास की दशमी तिथि को विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 25 अक्टूबर (पंचांग भेद के कारण कुछ स्थानों पर 26 अक्टूबर को भी दशहरा मनाया जाएगा) को है। दशमी तिथि पर शस्त्र पूजन करने की भी परंपरा है। आगे जानिए शस्त्र पूजा की संपूर्ण विधि-

विजयादशमी पर इस विधि से करें शस्त्र पूजन
- दशहरे पर विजया नाम की देवी की पूजा की जाती है। यह पर्व शस्त्र द्वारा देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले एवं कानून की रक्षा करने वाले अथवा शस्त्र का किसी अन्य कार्य में उपयोग करने वालें लोगों लिए महत्वपूर्ण होता है।
- इस दिन यह सभी अपने शस्त्रों की पूजा करते है, क्योंकि यह शस्त्र ही प्राणों की रक्षा करते हैं तथा भरण पोषण का कारण भी हैं। इन्ही अस्त्रों में विजया देवी का वास मान कर इनकी पूजा की जाती है।
- सबसे पहले शस्त्रों के ऊपर ऊपर जल छिड़क कर पवित्र किया जाता है फिर महाकाली स्तोत्र का पाठ कर शस्त्रों पर कुंकुम, हल्दी का तिलक लगाकर हार पुष्पों से श्रृंगार कर धूप-दीप कर मीठा भोग लगाया जाता है।
- इसके बाद दल का नेता कुछ देर के लिए शस्त्रों का प्रयोग करता है। इस प्रकार से पूजन कर शाम को रावण के पुतले का दहन कर विजया दशमी का पर्व मनाया जाता है।

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शुभ मुहूर्त
सुबह 7.30 से 9 बजे तक- चर
सुबह 9.00 से 10.30 तक- लाभ
सुबह 10.30 से दोपहर 12 बजे तक- अमृत
दोपहर 1.30 से 3.00 तक- शुभ

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