कुंडली में हो Shubh Kartari Yoga तो मिलते हैं कई फायदे, जानिए कैसे बनता है ये योग?

कुंडली में बनने वाले योग और दोष शुभ ग्रहों और अशुभ ग्रहों के प्रभाव की वजह से ही बनते हैं। इन योगों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसा ही एक योग है शुभ कर्तरी योग (shubh kartari yoga), ये बहुत ही खास योग है। शुभ कर्तरी योग शुभ ग्रहों (बृहस्पति (गुरु), शुक्र, चन्द्र, बुध) की वजह से बनता है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 26, 2021 5:00 AM IST

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति और उनकी चाल के आधार पर किसी कुंडली का निर्माण किया जाता है। फलित ज्योतिष में कई शुभ योगों के बारे में बताया गया है। इन्हीं में से एक है शुभ कर्तरी योग (shubh kartari yoga)। ये बहुत ही खास योग है। शुभ कर्तरी योग शुभ ग्रहों (बृहस्पति (गुरु), शुक्र, चन्द्र, बुध) की वजह से बनता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में योग बनता है उसे अपने जीवन में कई सफलताएं देखने को मिलती है, उसका जीवन सुखमय बीतता है। आगे जानिए इस योग से जुड़ी खास बातें…

कैसे बनता है ये योग?

जब किसी कुंडली के बारह भावों में से किसी भी भाव के आगे पीछे यदि दो शुभ ग्रह होते हैं तो इससे भाव की शुभता बढ़ जाती है और कुंडली में शुभ कर्तरी योग (shubh kartari yoga) का निर्माण होता है। इस योग के बनने से व्यक्ति को प्रसिद्धि, मान-सम्मान, यश प्राप्त होता है। व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है और सातवें भाव में शुभ कर्तरी योग बनने से वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है। इसके अलावा धन भाव में शुभ कर्तरी योग (shubh kartari yoga) बनने से धन लाभ होता है।

शुभ कर्तरी योग (shubh kartari yoga) का प्रभाव
- शुभ कर्तरी योग वाला व्यक्ति तेजस्वी, धनवान और पराक्रमी होता है। लेकिन कुंडली के किसी भाव में शुभ ग्रहों पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ रही होती है शुभ कर्तरी योग प्रभावहीन हो जाता है।
- इसके अलावा यदि आपकी राशि के स्वामी ग्रह यह योग बना रहे होते हैं तो इनके कारक तत्वों पर भी प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के तौर पर बुध को बुद्धि और वाणी का कारक कहा जाता है और यदि यह ग्रह शुभ कर्तरी योग बना रहा है तो इससे व्यक्ति की बुद्धि और वाणी का क्षमता में वृद्धि होगी।
- शुभ कर्तरी योग (shubh kartari yoga) वैसे तो शुभ फल ही प्रदान करता है, लेकिन इसे और अधिक प्रबल बनाने के लिए विशेष ग्रहों (बृहस्पति (गुरु), शुक्र, चन्द्र, बुध) का जाप करना चाहिए। यदि स्वयं ये न कर पाएं तो किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

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