हर 12वीं कुंडली में बनता है ये शुभ योग, धनवान और किस्मत वाले होते हैं इस योग में जन्में लोग

ज्योतिष शास्त्र में अनेक शुभ योगों के बारे में बताया गया है। ऐसा ही एक शुभ योग है हंस। यह योग गुरु अर्थात बृहस्पति से संबंधित है।

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में अनेक शुभ योगों के बारे में बताया गया है। ऐसा ही एक शुभ योग है हंस। यह योग गुरु अर्थात बृहस्पति से संबंधित है। कर्क में 5 डिग्री तक ऊंचा, मूल त्रिकोण धनु राशि 10 डिग्री तक और स्वयं का घर धनु और मीन होता है। पहले भाव में कर्क, धनु और मीन, 7वें भाव में मकर, मिथुन और कन्या, 10वें भाव में तुला, मीन और मिथुन एवं चौथे भाव में मेष, कन्या और धनु में होना चाहिए तो हंस योग बनता है।

हर 12वीं कुंडली में बनता है ये योग

हंस योग के निर्माण पर ध्यान दें तो यह देख सकते हैं कि कुंडली के पहले घर में गुरु तीन राशियों कर्क, धनु तथा मीन में स्थित होने पर हंस योग बनाते हैं। इसी प्रकार गुरु के किसी कुंडली के चौथे, सातवें अथवा दसवें घर में भी हंस योग का निर्माण करने की संभावना 144 में से 3 ही रहेगी तथा इन सभी संभावनाओं का योग 12 आता है जो कुल संभावनाओं अर्थात 144 का 12वां भाग है जिसका अर्थ यह हुआ कि हंस योग की प्रचलित परिभाषा के अनुसार लगभग हर 12वीं कुंडली में इस योग का निर्माण होता है।

Latest Videos

हंस योग में जन्में लोगों की विशेषताएं
 

1. हंस योग में जन्मा व्यक्ति सुंदर व्यक्तित्व का और धनी होता है। उसका माथा चौड़ा और लंबी नाक होती है। दूसरों के लिए अच्छी बातें करने और बोलने वाला व्यक्ति होता है। उसके मित्रों संख्या अधिक होती है और वह हमेशा सकारात्मक भाव और विचारों से भरा रहता है।
2. हंस योग में जन्में कुछ लोग किसी धार्मिक अथवा आध्यात्मिक संस्था में उच्च पद पर आसीन होते हैं, जबकि कुछ अन्य व्यवसाय, उत्तराधिकार, वसीयत, सलाहकार अथवा किसी अन्य माध्यम से बहुत धन संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं। वह ज्योतिष, पंडित या दार्शनिक भी हो सकता है। उच्चशिक्षित न भी हो तो भी वह ज्ञानी होता है।
3. ऐसे लोग सुख तथा ऐश्वर्य से भरपूर जीवन जीते हैं तथा साथ ही साथ समाज की भलाई तथा जन कल्याण के लिए भी निरंतर कार्यरत रहते हैं।
4. इन लोगों में प्रबल धार्मिक अथवा आध्यात्मिक अथवा दोनों ही रुचियां देखीं जातीं हैं। अपने उत्तम गुणों तथा विशेष चरित्र के चलते हंस योग के प्रबल प्रभाव में आने वाले लोग समाज में सम्मान तथा प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।
5. व्यक्ति का स्वादिष्ट भोजन के प्रति रुझान होता है। अपने मनमर्जी का काम करने की इच्छा अधिक रहती है। ऐसे लोगो में में अहम भी होता है। वह स्वयं की बातों को लेकर ज्यादा गंभीर रहता है।

कुंडली के योगों के बारे में ये भी पढ़ें

जिसकी कुंडली में बनता है शश नाम का शुभ योग, उसे मिलता है राजनीति में बड़ा पद, प्रतिष्ठा, जानें इस योग के फायदे

पंच महापुरुष योग में से एक है रूचक, ये व्यक्ति को बनाता है निडर, साहसी और दिलाता है प्रसिद्धि

कुंडली में वक्री शुक्र देता है अशुभ फल, जानिए किस भाव में हो तो क्या असर डालता है जीवन पर?

कुंडली में सूर्य और चंद्रमा की विशेष स्थिति से बनता है राज राजेश्वर योग, देता है ये शुभ फल

अशुभ योग है व्यतिपात, जानिए जन्म कुंडली के किस भाव में होने पर क्या फल देता है

ज्योतिष: जन्म कुंडली के दोष दूर कर सकते हैं त्रिकोण स्थान पर बैठे शुभ ग्रह, जानिए खास बातें

जन्म कुंडली कौन-सा ग्रह किस स्थिति में हो तो उसका क्या फल मिलता है, जानिए

कुंडली में सूर्य की स्थिति और पांचवे भाव से जान सकते हैं किसे हो सकती है दिल से जुड़ी बीमारियां

इन ग्रहों के अशुभ फल के कारण व्यक्ति हो सकता है गलत आदतों का शिकार

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
UPPSC Student Protest: प्रयागराज में क्या है छात्रों की प्रमुख मांग, चौथे भी डटे हुए हैं अभ्यर्थी
'मुझे लव लेटर दिया... वाह मेरी महबूबा' ओवैसी का भाषण सुन छूटी हंसी #Shorts
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
कागजों पर प्लान, सिर्फ ऐलान... क्यों दिल्ली-NCR को नहीं मिल रही धुआं-धुआं आसमान से मुक्ति?