हथेली पर यहां होती हैं मणिबंध रेखाएं, इसे देखकर भी जान सकते हैं उम्र और किस्मत से जुड़ी खास बातें

हमारी हथेली जिस स्थान से प्रारंभ होती है, वहां आड़ी स्थिति में कुछ रेखाएं होती हैं, इन रेखाओं को मणिबंध कहा जाता है। हथेली का ये हिस्सा भी व्यक्ति की उम्र और भाग्य से जुड़ी कई बातें बता देता है। 

उज्जैन. हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार मणिबंध देखकर व्यक्ति की संभावित उम्र भी मालूम की जा सकती है। सभी लोगों के हाथों की मणिबंध में रेखाओं की संख्या अलग-अलग होती है। किसी व्यक्ति के हाथ में मणिबंध की एक रेखा होती है, किसी के हाथ में दो या किसी व्यक्ति के हाथ में तीन रेखाएं भी होती हैं। यहां जानिए मणिबंध देखकर भाग्य और उम्र से जुड़ी बातें किस प्रकार मालूम हो सकती हैं...

मणिबंध में एक रेखा हो तो
यदि किसी व्यक्ति की हथेली के मणिबंध पर सिर्फ एक ही रेखा हो और वह श्रेष्ठ गुणों वाली है तो यह सुख की दृष्टि से शुभ है। यहां शुभ लक्षण का अर्थ है कि मणिबंध की रेखा कलाई के चारों ओर हो और उसमें जौ के आकार के यव की लड़ियां हों और रेखा टूटी हुई ना हो तो व्यक्ति कम उम्र में ही कई उल्लेखनीय कार्य करता है। धन संबंधी सुख भी प्राप्त होते हैं।

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मणिबंध में दो रेखाएं हों तो
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध पर दो रेखाएं हों, वे टूटी हुई ना हों, जौ के आकार के यव वाली लड़ियां हों, कलाई के चारों ओर हों तो यह शुभ लक्षण होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में सभी सुख-सुविधाएं रहती हैं। यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध की दो रेखाएं हैं और यहां बताए गए शुभ लक्षण नहीं हैं तो वे रेखाएं बताती हैं कि व्यक्ति को जीवन में कठिन परिश्रम करना होगा।

यदि मणिबंध में तीन रेखाएं हों तो
यदि किसी व्यक्ति की हथेली के मणिबंध पर तीन रेखाएं हों और वे रेखाएं कहीं से टूटी हुई ना हो और कलाई के चारों ओर हों, रेखाओं में जौ के आकार की लड़ियां बनी दिखाई देती हों तो ऐसी रेखाएं व्यक्ति को भाग्यशाली बनाती हैं। ऐसा मणिबंध होने पर व्यक्ति सभी प्रकार के सुख प्राप्त करता है। ध्यान रखें यदि मणिबंध में तीन रेखाएं हों और वे टूटी हुई दिखाई देती हैं तो यह अशुभ लक्षण होता है। ऐसी रेखाएं जिन लोगों के हाथ में होती हैं, वे कड़ी मेहनत के बाद ही कुछ सफलता या सकारात्मक फल प्राप्त कर पाते हैं। इनके जीवन में संघर्ष अधिक होता है।

ये बातें भी हैं जरूरी
- भाग्यशाली होने के लिए मणिबंध में रेखाएं होना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि रेखाओं में सुंदर यवमाला होनी चाहिए। जौ के आकार के यव परस्पर एक-दूसरे से जुड़े हुए दिखाई देना चाहिए।
- यदि यव छोटे-बड़े हैं तो शुभ प्रभावों में कमी आ सकती है या शुभ प्रभाव खत्म भी हो सकते हैं। साथ ही, मणिबंध की रेखाएं कलाई के चारों ओर होनी चाहिए।
- यदि कलाई के चारों ओर मणिबंध की रेखाएं नहीं हैं तो शुभ प्रभावों में कमी आने की पूरी संभावनाएं रहती हैं।
- मणिबंध के साथ ही हथेली में अन्य रेखाओं का अध्ययन करना भी जरूरी है। दूसरी रेखाओं के शुभ-अशुभ प्रभाव से मणिबंध के प्रभाव बदल भी सकते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध का हिस्सा ढीला और लटकता हुआ दिखाई देता है तो यह अशुभ लक्षण होता है।
- मणिबंध का हिस्सा सुंदर ना हो और हथेली को हिलाने से कुछ आवाज होती हो, हथेली और कलाई का जोड़ मजबूत दिखाई नहीं देता हो तो यह व्यक्ति के दुर्भाग्य का सूचक है।
- गरुड़ पुराण के अनुसार यदि मणिबंध में हड्डियां दिखाई नहीं देती हैं और कलाई तथा हथेली का जोड़ मजबूत है तो यह सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। इसके विपरीत मणिबंध होने पर व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और दुर्घटना के भी योग बनते हैं।

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