Sharad Purnima 2022: इस बार शरद पूर्णिमा का त्योहार 9 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस रात को चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं। भगवान श्रीकृष्ण शरद पूर्णिमा की रात को ही महारास रचाया था।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 9 अक्टूबर, रविवार को है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है और देवी लक्ष्मी भी पृथ्वी पर आती हैं। देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आकर पूछती हैं को जागृति यानी कौन जाग रहा है? इसीलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस बार शरद पूर्णिमा पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। आगे जानिए इस तिथि का महत्व व अन्य खास बातें…
सर्वार्थ सिद्धि योग में शरद पूर्णिमा
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 8 अक्टूबर, शनिवार की रात 03:42 से शुरू होकर 9 अक्टूबर, रविवार की रात 02:24 तक रहेगी। शरद पूर्णिमा को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06.18 मिनट से हो रहा है, जो शाम 04.21 तक रहेगा। इस दिन उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र का संयोग है। रेवती नक्षत्र को अत्यन्त शुभकारी और भाग्यशाली माना जाता है । इस नक्षत्र में गृह प्रवेश, विवाह, कपड़े बनवाना, पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति, देव प्रतिष्ठा आदि जैसे शुभ कार्य होते हैं ।
शरद पूर्णिमा पर रहेगा त्रिग्रही योग
शरद पूर्णिमा पर इस बार त्रिग्रही योग भी रहेगा। ग्रहों पर नजर डालें तो इस दिन कन्या राशि में सूर्य, बुध और शुक्र की युति बनेगी। सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य और बुध-शुक्र की युति से लक्ष्मीनारायण योग बनेगा। ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों योगों को राजयोग कहा गया है। इस समय शनि और गुरु अपनी-अपनी राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे।
शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा का भी महत्व
- शरद पूर्णिमा की रात अपने घर की साफ-सफाई करके पूजा स्थान को सजाना चाहिए। माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए फूल, माला, फल और उनका प्रिय भोग खीर बनाकर रखना चाहिए ।
- रात्रि प्रहर में जागरण करना चाहिए और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान घर के मुख्य द्वार को खोलकर रखना चाहिए, ताकि माता लक्ष्मी की नजर आपके घर पर पड़े और वे आपके घर में आएं।
- माता लक्ष्मी देखती हैं कि जो उनका स्वागत करने के लिए जाग रहे हैं, साफ सफाई किए हैं, उनके वहां वे जाती हैं। जो लोग अपने घरों को बंद करके और गंदा रखते हैं, उनके घर के बाहर से ही माता लक्ष्मी लौट जाती है।
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