Akshaya Tritiya 2022: कब है अक्षय तृतीया, इस तिथि को क्यों मानते हैं इतना शुभ? जानिए इससे जुड़ी खास बातें

Published : Apr 27, 2022, 02:10 PM IST
Akshaya Tritiya 2022: कब है अक्षय तृतीया, इस तिथि को क्यों मानते हैं इतना शुभ? जानिए इससे जुड़ी खास बातें

सार

उज्जैन. हिंदू धर्म में कुछ खास तिथियों को बहुत ही शुभ माना जाता है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि भी इनमें से एक है। इसे अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2022) कहते हैं। अक्षय का अर्थ है जिसका क्षय यानी नाश न हो। इस बार ये तिथि 3 मई, मंगलवार को है।

उज्जैन. अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। ये तिथि साल में आने वाले 4 अबूझ मुहूर्तों में से एक है  (अक्षय तृतीया के अलावा देवउठनी एकादशी, वसंत पंचमी व भड़ली नवमी को भी अबूझ मुहूर्त माना जाता है)। इस दिन बिना मुहूर्त के भी कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इसे खरीदी का महामुहूर्त भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन खरीदी गई चीज लंबे समय तक उपयोग भी आती है। आज हम आपको अक्षय तृतीया से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…
 

अक्षय तृतीया क्यों क्यों हैं इतना विशेष?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर किया गया दान अक्षय होता है यानी इससे मिलने वाले पुण्य फल में कभी कमी नहीं होती। इस तिथि पर मंत्र जाप, ज्योतिष उपाय आदि का भी संपूर्ण फल मिलता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा और उनसे संबंधित उपाय भी विशेष रूप से किए जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से धन लाभ के योग बनते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

इसी दिन हुआ था भगवान परशुराम का जन्म
धर्म ग्रंथों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर ही 8 चिरंजीवियों में एक भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। मान्यता है कि भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं और किसी गुप्त स्थान पर तपस्या कर रहे हैं। इसके साथ ही भगवान विष्णु के नर-नरायण और हयग्रीव अवतार की जन्म तिथि भी इसे ही माना जाता है। एक मान्यता ये भी है कि इसी तिथि से त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। 

इसी दिन शुरू हुआ था महाभारत का लेखन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि से महर्षि वेदव्यास और भगवान श्रीगणेश ने महाभारत का लेखन शुरू किया था। महर्षि वेद व्यास ने बोलना शुरू किया और श्रीगणेश महाभारत का लेखन करते रहें। महाभारत को हिंदू धर्म में पांचवें वेद की संज्ञा दी गई है। अक्षय तृतीया पर गीता के अठाहरवें अध्याय का पाठ करने का विशेष महत्व है।

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