Chandra grahan 2022: होने वाले बच्चे पर ग्रहण का क्या असर होता है, जानें किस तरह मां को रहना है सतर्क

साल का आखिरी चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 को कार्तिक मास की पूर्णिमा पर लगने वाला है। 15 दिन के अंदर यह दूसरा ग्रहण है। ऐसे में इसे बेहद ही अशुभ माना जा रहा है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से अपना ध्यान रखने की जरूरत होती है।

Deepali Virk | / Updated: Nov 07 2022, 11:09 AM IST

लाइफस्टाइल डेस्क : वैसे तो ग्रहण लगना एक सामान्य और भौगोलिक घटना है। लेकिन इसे धर्म और ज्योतिष से जोड़कर भी देखा जाता है। इस दौरान कई चीजें करने की पाबंदी होती है। खासकर, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस बार साल का अंतिम चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 को लगने वाला है, जो भारत के अलग-अलग हिस्सों में कहीं पूर्ण रूप से तो कहीं आंशिक रूप से दिखाई देगा। यह चंद्रग्रहण शाम 4:23 से शुरू होकर 6:19 पर खत्म होगा। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के मन में यह आशंका चल रही होगी कि इस ग्रहण के दौरान हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए और इसका होने वाले बच्चे की सेहत पर क्या असर पड़ता है? तो चलिए आज आपके इन सभी सवालों के जवाब देते हैं और आपको बताते हैं कि कैसे आपको अपना ख्याल चंद्र ग्रहण के दौरान रखना चाहिए...

चंद्र ग्रहण का गर्भवती महिलाओं पर क्या असर होता है
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की हानिकारक किरणों से बचना चाहिए, क्योंकि इसका सीधा असर होने वाले बच्चे पर पड़ सकता है और यह बच्चे के लिए नुकसानदायक मानी जाती है। ऐसे में ग्रहण काल के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इस दौरान अपने इष्टदेव की आराधना करनी चाहिए। गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, सूर्य मंत्र, विष्णु मंत्र या फिर सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं। इससे मन को शांति मिलती है और ग्रहण का असर भी कम होता है। आइए हम आपको बताते हैं कि गर्भवती महिला को ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए...

चंद्र ग्रहण के दौरान सोए ना 
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोने से परहेज करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से मां और बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं आम लोगों को भी ग्रहण काल के दौरान सोना नहीं चाहिए। इससे सुख-सौभाग्य में कमी आ सकती है।

घर से बाहर ना निकले 
मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण एक अशुभ घटना मानी जाती और इस दौरान नेगेटिव एनर्जी चारों तरफ होती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान इसे नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए और ना ही घर से बाहर निकलना चाहिए।

नुकीली और धारदार चीजों का प्रयोग ना करें 
सबसे जरूरी चीज की ग्रहण के दौरान किसी भी गर्भवती महिला को सुई, चाकू, कैंची जैसी धारदार चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दौरान किसी भी प्रकार की नुकीली या धारदार चीजों का इस्तेमाल करने से बच्चे के अंग कटे या उसमें कोई दोष हो सकता है।

ग्रहण के बाद रखा खाना ना खाएं 
ग्रहण से पहले अगर आपने कुछ खाना बना कर रखा है, तो यह ग्रहण के बाद खाने योग्य नहीं रह जाता है, क्योंकि इसमें नकारात्मक ऊर्जा आ जाती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान किचन की पूरी साफ सफाई करने के बाद ताजा भोजन बनाकर उसका ही सेवन करना चाहिए। इतना ही नहीं अगर घर में पानी रखा हुआ है, तो उसमें तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए। उसके बाद इसका सेवन करना चाहिए।

ग्रहण के बाद स्नान करें 
ग्रहण की नेगेटिव एनर्जी से बचने के लिए और अपने बच्चे पर इसके असर को कम करने के लिए गर्भवती महिला को ग्रहण काल के बाद स्नान जरूर करना चाहिए।

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