कोरोना महामारी: लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग के इस दौर में आजमाएं ये 5 तरीके और डिप्रेशन से रहें दूर

पूरी दुनिया में कोरोना महामारी से तबाही मची हुई है। इससे 38 लाख लोग संक्रमित हैं और करीब 2 लाख 65 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मौतों का यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जाहिर है, इस हालत में ज्यादातर लोग मानसिक रूप से काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : May 7, 2020 12:06 PM IST / Updated: May 07 2020, 05:39 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क। पूरी दुनिया में कोरोना महामारी से तबाही मची हुई है। इससे 38 लाख लोग संक्रमित हैं और करीब 2 लाख 65 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मौतों का यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जाहिर है, इस हालत में ज्यादातर लोग मानसिक रूप से काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं। हर आदमी इस महामारी की वजह से चिंतित और परेशान दिखता है। लंबे समय से लॉकडाउन में रहने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को फॉलो करने की वजह से भी लोग परेशान हैं। चिंता और अवसाद के कारण लोगों को ठीक से नींद भी नहीं आती है। इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ना लाजिमी है। जो लोग पहले से किसी मानसिक समस्या के शिकार हैं, उनकी परेशानी और भी बढ़ रही है।
 
छोटे बच्चे, 16 से 25 साल तक के युवा, महिलाएं, मानसिक बीमारियों के शिकार रह चुके लोग और हेल्थ वर्कर्स पर कोरोना महामारी का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। ऐसे लोग जिनका एक ही बच्चा है, वे भी उन लोगों की तुलना में मानसिक रूप से ज्यादा परेशान हैं, जिनके दो या ज्यादा बच्चे हैं। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के न्यूरो साइंटिस्ट डॉक्टर एडम कैप्लिन का कहना है कि जब भी ऐसी महामारी आती है, तो वे लोग जो पहले से किसी ट्रॉमा के शिकार रह चुके हों, वे दोबारा उस चोट को महसूस करने लगते हैं। लॉकडाउन में ज्यादातर लोग एक अनजान डर, चिंता, तनाव, बोरियत, अवसाद, गुस्सा और निराशा जैसी भावनाओं के शिकार हो रहे हैं। जानें इनसे राहत पाने के टिप्स।

1. लोगों से जुड़े रहें
यह ठीक है कि आप लॉकडाउन में घर में बंद हैं और किसी से मिल नहीं सकते, लेकिन आज के समय में आप फोन, इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए अपने दोस्तों, शुभचिंतकों और दूर रहने वाले फैमिली मेंबर्स के संपर्क में बने रह सकते हैं। कोरोना महामारी के दौरान यह जरूरी है कि आप लोगों के संपर्क में रहें। इससे आप मानसिक तौर पर बेहतर महसूस करेंगे।

Latest Videos

2. हर स्थिति के अच्छे पहलू को देखें
आप तब खुश रहेंगे जब हर स्थिति के अच्छे पहलू को देखें। अच्छाई को देखने से पॉजिटिविटी बढ़ती है। अमेरिकी साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर जूली कोल्जेट का कहना है कि अच्छे पहलू को देखना एक बेहतर स्ट्रैटजी है। उनका कहना है कि अगर आप वर्क फ्रॉम होम की सुविधा के तहत काम कर रहे हैं, तो यह सोचें कि आपको ज्यादा आजादी हासिल है। 

3. ब्रेथिंग एक्सरसाइज करें
अगर आप मानसिक परेशानी महसूस कर रहे हों तो कम से कम रोज 20 मिनट के लिए ब्रेथिंग एक्सरसाइज करें। इससे आपके मन के साथ शरीर को भी राहत मिलेगी। माइंडफुल ब्रेथिंग टेक्नीक को अपनाने से ज्यादा राहत मिलेगी। इसमें आपको पुरानी दुखदायी यादों से निकलना होता है। अगर आप 5 मिनट के लिए भी यह एक्सरसाइज करते हैं तो काफी फायदा होगा।

4. दूसरों के प्रति सहानुभूति रखें
ऐसे समय में अगर आप दूसरों के प्रति सहानुभूति की भावना रखते हैं और किसी की थोड़ी भी मदद करते हैं तो आपको काफी अच्छा लगेगा। रिसर्च के अनुसार, जब आप किसी की मदद करते हैं या किसी के लिए बेहतर सोचते हैं तो ब्रेन के उस हिस्से की एक्टिविटी बढ़ जाती है, जहां से हमें खुशी महसूस होती है। साइकोलॉजी के टर्म में इसे 'हेल्पर्स हाई' (helper’s high) कहा जाता है।

5. अपनी अपेक्षाओं को बदलें
अगर आप खुद या किसी से कुछ ऐसी अपेक्षाएं रखते हैं, जो वास्तविकता से परे हों और कभी पूरी नहीं हो सकतीं तो इससे आपका तनाव बढ़ेगा। डॉक्टर जूली कोल्जेट का कहना है कि इससे हर हाल में बचें। यह एक कठिन समय है। इसमें उन्हीं बातों को सोचें जो किया जा सके। कोई भी ऐसी कल्पना जिसका ठोस आधार नहीं हो, मानसिक समस्याओं को बढ़ाने का काम करती है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

IQ Test: 4 मजेदार सवाल, जानिए कितने स्मार्ट हैं आप #Shorts
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी ने जम्मू, जम्मू-कश्मीर में जनता को संबोधित किया
अब क्या करेंगी CM Atishi ? क्या दिल्ली वाले देखेंगे एक नया सियासी ड्रामा
OMG! 53 दवाइयां क्वालिटी टेस्ट में फेल, एक तो है Paracetamol
Bengaluru Mahalaxmi केस का क्या है ओडिशा कनेक्शन? नए एंगल ने पलट दी थ्योरी