
Mathe Ke Aloo Cooking Mistakes: इटावा स्पेशल मठे के आलू स्वाद और परंपरा का अद्भुत संगम है। इस सब्जी में खास आलू को मठे (छाछ) और मसालों के साथ पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद सभी सब्जियों से अलग लगता है। लेकिन अक्सर लोग इसे बनाते समय कुछ गलतियां कर देते हैं, जिसकी वजह से या तो मठा फट जाता है या फिर सब्जी का असली स्वाद नहीं आता। अगर आप चाहते हैं कि आपके बने मठे के आलू बिल्कुल उसी असली अंदाज में बनें जैसे इटावा की गलियों में मिलते हैं, तो आपको सब्जी बनाते वक्त इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
सबसे पहली और अहम गलती लोग ये करते हैं कि फ्रिज से सीधा ठंडा मठा कढ़ाई में डाल देते हैं। ठंडा मठा गरम मसाले और आलू के साथ मिलते ही फटने लगता है। इसलिए मठे को कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें या हल्का-सा फेंट लें, ताकि इसमें समानता बनी रहे।
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इटावा स्टाइल मठे के आलू की असली पहचान ये है कि इसमें बेसन मिलाकर छाछ को पकाया जाता है। अगर आप बेसन डालना भूल जाते हैं तो छाछ फटने के पूरे चांस रहते हैं और करी का टेक्सचर बिगड़ जाता है। हल्के हाथ से फेंटा हुआ बेसन छाछ के साथ अच्छी तरह मिक्स करें और फिर धीरे-धीरे पैन में डालें।
कढ़ी या मठे के आलू को तेज आंच पर पकाना सबसे बड़ी गलती है। इससे छाछ और बेसन का बैलेंस बिगड़ जाता है और छाछ फट सकती है। इसे हमेशा धीमी या मीडियम आंच पर पकाए, ताकि स्वाद और टेक्सचर दोनों सही बने रहें।
अगर आप मसालों को बिना भूनें सीधे मठे में डाल देंगे, तो कच्चा स्वाद बना रहेगा। असली स्वाद के लिए सबसे पहले तेल में हल्का-सा हींग, जीरा, अदरक-लहसुन पेस्ट और मसाले भूनें, फिर आलू डालें और आखिर में मठे और बेसन का घोल। इससे फ्लेवर आलू के साथ अच्छे से मिक्स होगा।
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मठे के आलू को पकाते समय अगर आप बार-बार करछी से नहीं चलाएंगे तो बेसन नीचे चिपक सकता है और जलने की वजह से पूरी डिश का स्वाद खराब और जला हुआ लगेगा। इसे पकाते समय लगातार चलाते रहना जरूरी है ताकि करी स्मूद बने और आलू इसमें अच्छी तरह लिपट जाए।