
फूड डेस्क: दही भारत के अधिकांश घरों में एक प्रमुख आहार है। कई स्वास्थ्य लाभों से भरपूर, दही कैल्शियम, विटामिन बी-2, पोटेशियम, मैग्नीशियम और कई अन्य पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत है। लैक्टिक एसिड दही को गाढ़ा बनावट प्रदान करता है। फास्फोरस और कैल्शियम से भरपूर दही हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। यह गठिया को रोकने में भी मदद करता है।
एसिडिटी से होता है बचाव
दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं। रोजाना दही खाने से पाचन में सुधार होता है, पेट की परेशानी कम होती है और एसिडिटी से बचाव होता है। प्रोबायोटिक होने के कारण दही में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। ये आंत के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता नहीं घटाता है दही
बहुत से लोगों को इस बात को लेकर संशय रहता है कि क्या दही खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। दही में फैट की मात्रा कम होती है। इसलिए यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नहीं बढ़ाता है। इसके अलावा कई अध्ययनों से पता चला है कि नियमित रूप से दही खाने से कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है। दही में मौजूद प्रोबायोटिक गुण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
दही से बीपी रहता है कंट्रोल
इसके अलावा दही पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर होता है। ये उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं। इस प्रकार दही हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। रोजाना दही खाना मधुमेह रोगियों के लिए भी अच्छा है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। दही खाने से कैलोरी की मात्रा कम करने में भी मदद मिल सकती है। इस प्रकार दही वजन घटाने में भी सहायक हो सकता है। रोजाना दही खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और सर्दी, जुकाम जैसी एलर्जी से बचाव होता है। दही का सेवन त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।
नोट: अपने आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ या पोषण विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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