
Puri vs Roti vs Paratha Dough: भारतीय खानपान की थाली में रोटी, पराठा और पूड़ी की अपनी-अपनी खास जगह है। देखने में तीनों का आधार गेहूं का आटा ही होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन तीनों के आटे को गूंथने का तरीका और उसकी नर्मी-कड़ापन पूरी तरह अलग होता है? यही कारण है कि रोटी मुलायम बनती है, पराठा परतदार और पूड़ी फूली-फूली। अगर इन तीनों के आटे को एक जैसा गूंथ दिया जाए तो न रोटी का स्वाद सही आएगा, न पराठे की परत और न पूड़ी का फूलापन। बहुत से लोगों को लगता है कि एक तरह के आटे से पूड़ी, पराठा और रोटी बनाया जा सकता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि तीनों के आटा गूंथने के तरीके में क्या अंतर है, जो इन्हें अलग स्वाद देती है।
रोटी का आटा हमेशा हल्के हाथों से और नरम गूंथा जाता है। इसमें सिर्फ आटा, पानी और एक चुटकी नमक (ऑप्शनल) डाला जाता है। ये आटा न तो ज्यादा कड़क होना चाहिए और न ज्यादा गीला, ताकि बेलते वक्त चिपके नहीं और सेंकने पर रोटी मुलायम और हल्की लगे। रोटी के आटे को थोड़ा समय देकर गूंथना और सेट होने देना भी जरूरी होता है, ताकि उसमें लोच आ सके और रोटी खाने और पचने में आसान हो।
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पराठे का आटा रोटी के आटे जितना नरम नहीं होता। इसे थोड़ा टाइट गूंथा जाता है ताकि बेलते वक्त उसमें परतें बनाई जा सकें। पराठे के आटे में कई लोग तेल, घी या दही मिलाते हैं ताकि वो और स्वादिष्ट बने और लेयरिंग (परत) आसानी से हो सके। स्टफिंग वाले पराठे (जैसे आलू, गोभी या पनीर) के लिए आटा थोड़ा सख्त रखना जरूरी है, जिससे भराई करते समय बेलने पर फटे नहीं। वहीं प्लेन पराठे के लिए आटा मध्यम टाइट गूंथा जाता है, ताकि तवा पर सेंकते वक्त घी या तेल सोखकर कुरकुरापन दे सके।
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पूड़ी का आटा इन तीनों में सबसे अलग और टाइट गूंथा जाता है। इसे बिल्कुल भी नरम नहीं होना चाहिए, वरना बेलने में चिपकेगा और तलने पर पूड़ी फूलने की बजाय तेल सोख लेगी। पूड़ी के आटे को गूंथते वक्त थोड़ा सा तेल या घी भी मिलाया जाता है, ताकि तलने के बाद उसका रंग सुनहरा आए और क्रिस्पी भी बने। पूड़ी बेलते समय ज्यादा आटा नहीं लगाना चाहिए, वरना तलते समय तेल खराब हो जाता है। यही कारण है कि पूड़ी का आटा जितना टाइट होगा, उतनी ही फूली और स्वादिष्ट पूड़ी बनेगी। साथ ही टाइट आटा में ज्यादा आटा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।