
Myths and facts about coffee: कॉफी एक ऐसा पेय पदार्थ है, जिसे पीकर लोग दिन की शुरुआत करते हैं और दिनभर तरोताजा महसूस करते हैं। कॉफी पीने के आपने कई फायदे सुने होंगे। कॉफी का सीमित मात्रा में सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं होता है। फिर भी कॉफी को लेकर लोगों के मन में गलत अवधारणाएं हैं। जानिए इंटरनेशनल कॉफी डे के मौके पर कॉफी से जुड़े कुछ मिथ और फैक्ट।
मिथ: एस्प्रेसो में ड्रिप कॉफी के कंपेयर में ज्यादा कैफीन होता है।
फैक्ट: एस्प्रेसो का स्वाद थोड़ा तीखा होता है लेकिन ड्रिप कॉफी की तरह ही कप में कैफीन होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सामान्य कॉफी का मग बड़ा होता है और कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है। वहीं एस्प्रेसो के कप में कंपेयर में कैफीन की मात्रा सामान्य मानी जा सकती है।
मिथ: कॉफी पीने से डीहाइड्रेशन होता है।
फैक्ट: अगर सीमित मात्रा में काफी का सेवन किया जाए, तो कॉफी पीने से डिहाइड्रेशन नहीं होता है। कॉफी पीने के बाद डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए और काफी दिन में 1 से 2 बार ही पीनी चाहिए।
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मिथक: कॉफी बॉडी के डेवलपमेंट को रोकने का काम करती है।
फैक्ट: अक्सर लोगों का यह मानना रहता है कि कॉफी का सेवन करने से बोन डेंसिटी यानी की हड्डियों का घनत्व प्रभावित होता है, जबकि ऐसा कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है, ना ही इस बारे में कोई स्टडी दावा करती है।
मिथक: कॉफी का सेवन करने से नींद नहीं आती है।
फैक्ट: अक्सर ऐसा कहा जाता है कि अगर कॉफी का सेवन किया, तो नींद उड़ जाती है। जबकि फैक्ट यह है कि बेड टाइम से 1 घंटे पहले तक काफी का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप दिन में 1 से दो बार कॉफी पी रहे हैं, तो इससे आपकी नींद बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होगी।
मिथक: कॉफी का सेवन करने से लत लग जाती है।
फैक्ट: कॉफी का सेवन करने वाले लोग अगर कॉफी पीना बंद कर देते हैं, तो उन्हें कुछ हल्के लक्षण जैसे कि सिरदर्द या बेचैनी महसूस हो सकता है लेकिन यह लक्षण कुछ समय बाद ठीक भी हो जाते हैं। वहीं नशीली दवाओं या ड्रग्स लेने से गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए विशेषज्ञ कभी भी काफी के सेवन को लत नहीं मानते।
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