
नेपाल की पहाड़ियों और बर्फ से ढके इलाकों में जब सर्द हवाएं चलती हैं, तो वहां के लोगों के लिए शेरपा बटर टी (Sherpa Butter Tea) सिर्फ एक चाय नहीं बल्कि ऊर्जा और गर्माहट का सोर्स होती है। इसे “Po Cha” भी कहा जाता है। यह खासतौर पर शेरपा समुदाय के घरों और मठों में रोजाना बनाई जाती है और इसे एक तरह का सर्वाइवल ड्रिंक माना जाता है।
नेपाल की ये फेमस चाय बिल्कुल अलग होती है। इसे शेरपा बटर टी चाय पत्ती, याक का मक्खन और नमक से बनाते हैं। इसमें चीनी की जगह नमक डाला जाता है। दूध की जगह इसमें याक का मक्खन मिलाया जाता है। शेरपा लोग इसे दिनभर पीते हैं क्योंकि यह शरीर को गर्म रखने, ताकत देने और ऊंचाई पर सांस लेने में मदद करती है।
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सिंपल चाय में जहां पानी, दूध, चायपत्ती और चीनी का इस्तेमाल होता है, वहीं शेरपा बटर टी की तैयारी प्रोसेस अलग है। सबसे पहले काली चायपत्ती (black tea leaves) को पानी में डालकर लंबे समय तक उबाला जाता है। यह काढ़ा, गाढ़ा और गहरे रंग का होना चाहिए। इसमें याक का ताजा मक्खन डाला जाता है। स्वाद के लिए नमक मिलाया जाता है (यहां चीनी का इस्तेमाल नहीं होता)। इस चाय को एक बर्तन या churner में डालकर खूब फेंटा जाता है। मक्खन और चाय अच्छी तरह मिलकर झागदार, मलाईदार ड्रिंक बनाते हैं। यह चाय मोटे मग या लकड़ी के कप में परोसी जाती है। ऊपर झाग की मोटी परत होती है, जो इसे खास स्वाद देती है।
अगर आपके पास याक का मक्खन नहीं है तो आप इसे अनसाल्टेड बटर से भी बना सकते हैं। इसके लिए आपको ये सामग्री चाहिए होगी।
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