Dengue होगा छूमंतर, एक बार आजमाकर तो देखिए नानी की खास 5 Home Remedies
5 home remedies For Dengue: आयुर्वेद कई घरेलू उपचार प्रदान करता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर और लक्षणों को कम करके डेंगू बुखार से निपटने में सहायता कर सकते हैं। जानें डेंगू के लिए 5 घरेलू उपाय जो, इसे हराने में काफी मददगार हैं।
मानसून के मौसम में कई लोग बारिश को इंजॉय करते है, खेती-बाड़ी के लिए भी ये मौसम वरदान की तरह है। लेकिन बारिश का पानी जमने से कई लोगों को ये मौसम डेंगू दे जाता है। अगर किसी व्यक्ति को डेंगू बुखार हो जाता है। डेंगू बुखार को आयुर्वेद में दंडक बुखार के नाम से भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है जो एडीज एजिप्टी प्रजाति की मादा मच्छरों से फैलती है। आयुर्वेद कई घरेलू उपचार प्रदान करता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर और लक्षणों को कम करके डेंगू बुखार से निपटने में सहायता कर सकते हैं। इस रोग का उपचार दवा से तो करना तो जरूरी होता ही है साथ ही कई घरेलू उपाय भी डेंगू को हराने में काफी मददगार है।
डेंगू बुखार के लक्षण
डॉ. प्रसाद ने बताया कि डेंगू के सामान्य लक्षणों में उल्टी, तेज सिरदर्द, मतली, चकत्ते, जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में दर्द और ग्रंथियों में सूजन शामिल हैं। इन लक्षणों का अगर एक बार सही इलाज न किया जाए तो थकान, उल्टी में खून, लगातार उल्टी, मसूड़ों से खून आना, बेचैनी, पेट में तेज दर्द और तेजी से खून आना जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
जौ का जूस
जौ घास का रस या जौ की चाय डेंगू के इलाज के लिए एक आवश्यक घरेलू उपाय है क्योंकि इसमें विटामिन बी1, बी2, बी6, बी12, फोलिक एसिड और पैंटोथेनिक एसिड से भरपूर कार्बनिक घटक होते हैं। इसमें आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज भी होते हैं। ये सभी लंबी थकान और विटामिन की कमी का इलाज करने, रक्त प्लेटलेट गिनती और लाल रक्त कोशिकाओं (डेंगू के इलाज के लिए आवश्यक) को बढ़ाने में योगदान करते हैं।
गिलोय का रस
यह इन्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, जिससे बीमारी से बचाव होता है। मजबूत इन्यूनिटी रोगियों को बेहतर महसूस करने में मदद करती है और प्लेटलेट काउंट बढ़ाती है। गिलोय के पौधे की दो छोटी डंडियों को एक गिलास पानी में उबालें। इस पानी का सेवन तब करें जब यह गर्म होना शुरू ही हो रहा हो। आप एक कप गर्म पानी में भी गिलोय के रस की कुछ बूँदें मिला सकते हैं और इसे दिन में दो बार पी सकते हैं। अगर सीमित मात्रा में लिया जाए तो गिलोय एक सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधि है।
नीम का पत्तियां
नीम की पत्तियां व्हाइट ब्लड सेल्स और ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मददगार साबित हुई हैं। निम्बिन और निम्बिडिन, पौधे में पाए जाने वाले दो कंपाउंड में सूजन को कम करने, बुखार को कम करने और ज्वरनाशक रोगाणुरोधी होते हैं जो डेंगू बुखार के इलाज में सहायता करते हैं। नीम की पत्ती का रस लाभकारी है। नीम का रस बनाने के लिए कुछ ताजी पत्तियों को एक कप पानी के साथ पीस लें। एक बार जब आप इस लिक्विड को एक कप में छान लेंगे तो आपका जूस तैयार हो जाएगा। आप स्वाद के लिए इसमें थोड़ा सा शहद या नींबू का रस मिला सकते हैं।
पपीते की पत्तियां
पपीते की पत्ती का उपयोग डेंगू बुखार के इलाज में किया जाता है। शोध से पता चला है कि पपीते की पत्तियां व्यक्तियों में न्यूट्रोफिल, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। हाई प्लेटलेट काउंट, ब्लीडिंग को रोकने और रोगको बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है। आप बुखार को कम करने और अपने प्लेटलेट काउंट को सामान्य करने के लिए पपीते के पत्ते का रस पी सकते हैं। पपीते का जूस बनाने के लिए ताजी पपीते की पत्तियों को एक कप पानी के साथ मिला लें। सेवन से पहले तरल को एक कप में छान लें।
काली मिर्च
काली मिर्च में जीवाणुरोधी, सूजन को कम करने और एंटीवायरल गुण होते हैं जो सेलुलर स्तर पर वायरस से लड़ने और संक्रमण को खत्म करने का काम करते हैं। तुलसी काढ़ा के साथ प्रयोग करने पर यह सबसे अच्छा काम करता है। मिश्रण तैयार करने के लिए 3-4 तुलसी की पत्तियां लें, इन्हें धोने के बाद एक गिलास पानी के साथ स्टोव पर उबलने के लिए रख दें। जब यह उबलने लगे तो इसमें थोड़ी सी काली मिर्च डाल दें, जिसके कई फायदे हैं। अपनी जीवन शक्ति को फिर से भरने के लिए उपचार चरण के दौरान इस पेय को बार-बार पिएं।
इम्यूनिटी बढ़ाते हैं घरेलु नुस्खे
नीम, पपीता, गिलोय, जौ और काली मिर्च उन प्रभावी उपचारों में से हैं जो इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ावा दे सकते हैं, प्लेटलेट काउंट बढ़ा सकते हैं और डेंगू से जुड़े फ्लू जैसे लक्षणों को कम कर सकते हैं। हालांकि, डेंगू बुखार को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना बहुत ही जरूरी है। सुरक्षित और शीघ्र स्वस्थ होने के लिए इन घरेलू उपचारों को अपना सकते है, लेकिन डॉक्टर के ट्रीटमेंट के साथ।