शरीर में 9 साल से दुर्लभ 'स्टोन बेबी' को पाल रही थी महिला, कुपोषण से हुई मौत

Published : Mar 11, 2023, 02:20 PM IST
unborn fetus

सार

एक महिला 9 साल तक बच्चे को अपने पेट में ढोती रहीं, अंत में कुपोषण से उसकी मौत हो गई। दुर्लभ मामला अमेरिका से जुड़ा है। जानकर हैरानी होगी कि अब तक इस तरह के सिर्फ 290 केस ही दर्ज किए गए हैं। चलिए बताते हैं पूरा मामला।

हेल्थ डेस्क. प्राकृतिक के मुताबिक प्रेग्नेंसी के 9वें या 10वें महीने में बच्चा हो जाता है। कई केस में यह 7वें या फिर 8वें महीने में भी बेबी मां के गर्भ के बाहर आ जाती है। लेकिन अगर एक मां के पेट से 9 साल तक बच्चा ना निकले तो क्या कहेंगे। पढ़कर दंग रह गए ना...9 साल तक पेट में कोई बच्चा कैसे रह सकता है। लेकिन यह सच है। अमेरिका में एक महिला 9 साल तक पेट में बच्चे को लेकर घूमती रही। लेकिन बच्चा पैदा नहीं हुआ। बल्कि वो खुद इस दुनिया से अलविदा कह गई।

मरे हुए भ्रूण को पालती रही महिला

महिला मूल रूप से कांगो की रहने वाली थी। वो 9 साल से प्रेग्नेंट थी। महिला अमेरिका में शरणार्थी थी। प्रेग्नेंसी के 28वें हफ्ते में उसे महसूस हुआ कि बच्चा अब हिल डुल नहीं रहा है। भ्रूण का विकास बंद हो गया है। ऐसी स्थिति में उसका मिसकैरिज हो जाना चाहिए था, लेकिन नहीं हुआ। इसके बाद उसने डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की सांसे थम चुकी हैं। उन्होंने कुछ दवाइयां लिखीं जिससे उसका गर्भपात हो जाता। डॉक्टर ने यह भी कहा कि दो हफ्ते बाद आकर दिखा लेना। लेकिन जब वो घर लौटी तो लोगों ने उसे भला बुरा कहा। डायन कहकर ताने भी मारें। ताने सुनकर महिला काफी आहत हुई और वो भगवान से प्रार्थना करने धार्मिक स्थल पर पहुंच गई। वहां उसने तय किया कि बच्चे को वो नहीं गिराएगी।

कैल्सीफाइड भ्रूण की वजह से उसी आंते ब्लॉक हो गई

9 साल तक वो मरे हुए बच्चे को अपने पेट में पालती रही।शरीर में कैल्सीफाइड भ्रूण रखने की वजह से उसी आंते ब्लॉक हो गई। जिसकी वजह से उसका खाना पच नहीं पाया। अंत में कुपोषण से उसकी मौत हो गई।लंबे समय से पेट में ऐंठन और अपच से महिला पीड़ित थी। 'स्टोन भ्रूण' की वजह से ऐसा हुआ, ये स्कैन में पता चला।डॉक्टरों ने कहा कि उसने एक जादू टोना अभ्यास पर अपनी स्थिति को दोष देने के बाद सर्जरी को ठुकरा दिया था।

महिला लिथोपेडियन से पीड़ित थी

मरने से पहले, महिला ने डॉक्टरों से कहा कि उसने नौ साल पहले अपने बच्चे को खो दिया था। तंजानिया में शरणार्थी शिविर में मेडिक्स, जहां वह रह रही थी, वहां पर उसपर बुरे काम, नशीले पदार्थ लेने और बच्चे को मारने का आरोप लगाया गया था।महिला कुछ दिन पहले अमेरिका में डीआर कांगो से आई थी। उसने पूरी तरह खाना बंद कर दिया था जिसकी वजह से बीमार पड़ गई थी। डॉक्टरों के अनुसार महिला लिथोपेडियन से पीड़ित थी।

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