
Benefits of black raisins with milk: काली किशमिश, सूखे अंगूर का एक प्रकार है, जिसमें एक अनोखा मीठा स्वाद और पोषक तत्वों का खजाना होता है। काली किशमिश को दूध में भिगोकर रोजाना 30 दिनों तक सेवन करना, हमारे पूर्वजों द्वारा अपनाया जाने वाला एक पारंपरिक नुस्खा है। यह शरीर को कई आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और अद्भुत स्वास्थ्य लाभ देता है।
काली किशमिश और दूध का कॉम्बिनेशन (How to eat black raisins soaked in milk)
बनाने की विधि
लगभग 8-10 अच्छी क्वालिटी की, चमकदार काली किशमिश चुनें। इन किशमिश को पानी से हल्के से धोकर धूल और गंदगी हटा दें। फिर धुली हुई किशमिश को एक छोटे गिलास या चीनी मिट्टी के कटोरे में डालें और उन्हें पूरी तरह से डूबने के लिए गुनगुना दूध डालें। इसे कम से कम 8-12 घंटे या रात भर भीगने दें।
सुबह उठकर खाली पेट भीगी हुई किशमिश को धीरे-धीरे चबाकर खाएं और फिर दूध पी लें।
30 दिनों तक लगातार सेवन करने से मिलने वाले अद्भुत फायदे (Milk and raisin combination benefits)
एनीमिया का रामबाण इलाज
काली किशमिश में आयरन होता है, जो हीमोग्लोबिन के उत्पादन के लिए आवश्यक है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन ले जाने वाला प्रोटीन है। आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिससे थकान, कमजोरी, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। दूध के साथ सेवन करने पर, दूध में मौजूद कुछ प्रोटीन आयरन के अवशोषण को बढ़ाते हैं। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान होने वाले रक्त की कमी, गर्भवती महिलाओं की बढ़ती आयरन की जरूरतों और बढ़ते बच्चों के लिए एक बेहतरीन पोषण पूरक है।
हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद
दूध में कैल्शियम और फास्फोरस हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। काली किशमिश में मौजूद बोरॉन शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) और गठिया जैसे हड्डियों से संबंधित रोगों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बच्चों में मजबूत हड्डियों के विकास और बुजुर्गों में हड्डियों के नुकसान को रोकने के लिए एक बेहतरीन पौष्टिक पेय है।
बेहतर पाचन तंत्र
काली किशमिश में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होते हैं। ये फाइबर बड़ी आंत में पानी सोख लेते हैं और कब्ज को रोकते हैं। इसके अलावा, यह एक हल्के रेचक के रूप में काम करता है और आंतों की गतिविधि को नियंत्रित करता है। यह आंत में अच्छे बैक्टीरिया के विकास में भी मदद करता है, जिससे आंतों का संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है।
हार्ट हेल्थ
काली किशमिश में मौजूद पोटेशियम शरीर में सोडियम के स्तर को नियंत्रित करके रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विशेष रूप से पॉलीफेनोल्स, शरीर में मुक्त कणों से लड़ते हैं और रक्त वाहिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। यह हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है। फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है।
स्किन के लिए जरूरी
काली किशमिश में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं। यह त्वचा पर झुर्रियों, काले धब्बों और रेखाओं को कम करता है और उम्र बढ़ने के लक्षणों को धीमा करता है। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड और प्रोटीन त्वचा को नमी प्रदान करते हैं और उसे मुलायम बनाते हैं। यह त्वचा को अंदर से चमकदार बनाता है और एक स्वस्थ चमक प्रदान करता है।
ऊर्जा और ताजगी
काली किशमिश में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज जैसी प्राकृतिक शर्करा होती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। यह सुबह की थकान और सुस्ती को दूर करता है और दिन भर ऊर्जावान बने रहने में मदद करता है। यह व्यायाम करने वालों, छात्रों और तनाव में रहने वालों के लिए एक बेहतरीन एनर्जी बूस्टर है।
अनिद्रा से राहत
काली किशमिश में मैग्नीशियम और कुछ अमीनो एसिड होते हैं, जो नींद में सुधार करने में मदद करते हैं। दूध का प्राकृतिक रूप से निद्राकारी प्रभाव होता है। इन दोनों तत्वों का मिश्रण अच्छी रात की नींद लेने और तनाव को कम करने में मदद करता है।
कौन खा सकता है
जरूरी सुझाव