
First Trimester Care: प्रेगनेंसी का पहला ट्राइमेस्टर (पहले 3 महीने) मां और बच्चे दोनों के लिए सबसे नाज़ुक समय माना जाता है। इस दौरान भ्रूण का विकास तेजी से होता है और शरीर में हार्मोनल बदलाव भी बहुत ज्यादा होते हैं। ऐसे में खान-पान में थोड़ी सी लापरवाही भी सेहत पर असर डाल सकती है। अक्सर महिलाओं को सिर्फ पपीता न खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसके अलावा भी कुछ चीजें हैं जिन्हें पहले ट्राइमेस्टर में अवॉयड करना बेहद जरूरी होता है।
कच्चा या अधपका पपीता और कच्चा पाइनएप्पल दोनों में ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं जो गर्भाशय में संकुचन (uterine contraction) बढ़ा सकते हैं। इससे मिसकैरेज का खतरा बढ़ सकता है। खासतौर पर शुरुआती तीन महीनों में इन फलों को पूरी तरह अवॉयड करने की सलाह दी जाती है।
कच्चा या आधा पका मीट, चिकन, मछली और अंडे में बैक्टीरिया और पैरासाइट हो सकते हैं, जो फूड पॉयजनिंग और इंफेक्शन का कारण बनते हैं। प्रेगनेंसी में यह इंफेक्शन मां के साथ-साथ बच्चे के लिए भी खतरनाक हो सकता है। इसलिए हमेशा अच्छी तरह पका हुआ और ताजा नॉनवेज ही लें।
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चाय, कॉफी और चॉकलेट में मौजूद कैफीन अधिक मात्रा में लेने से गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार दिन में 1-2 कप से ज्यादा चाय या कॉफी नहीं पीनी चाहिए। चॉकलेट भी सीमित मात्रा में ही खाएं।
प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी मल्टीविटामिन, आयुर्वेदिक दवा या घरेलू नुस्खा खुद से न लें। कुछ जड़ी-बूटियां और दवाएं हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती हैं। कोई भी दवा या सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
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