Heart Blockage हुए पूरी तरह से रिकवर, 50 साल के आदमी ने चुनी Ayurvedic Therapy

Heart Blockage Ayurvedic Therapy: जब हृदय की धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल या कफ जम जाता है, तो उससे पैदा होने वाले विकार को हार्ट ब्लॉकेज कहते हैं। अब इसके 100 प्रतिशत आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट का मामला सामने आया है। 

Shivangi Chauhan | Published : Feb 16, 2024 8:42 AM IST

हेल्थ डेस्क: आजकल कई तरह की हार्ट प्रोब्लम आम होती जा रही हैं, इनमें ब्लॉकेज की समस्या सबसे गंभीर हो चुकी है। जब हृदय की धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल या कफ जम जाता है, तो उससे पैदा होने वाले विकार को हार्ट ब्लॉकेज कहते हैं। इससे धमनियां संकुचित हो जाती हैं और रक्त का प्रवाह भी कम हो जाता है। इससे सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और यहां तक ​​कि दिल का दौरा भी पड़ सकता है। अब इस समस्या का समाधान निकल आया है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के अनुसार, एक 50 साल के व्यक्ति का चार महीने के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के बाद हार्ट ब्लॉकेज पूरी तरह ठीक हो गया है। नवंबर 2022 में दिल का दौरा पड़ने के बाद ऑटो चालक की बायीं एलएडी में 95 प्रतिशत ब्लॉकेज का पता चला था, जो अब पूरी तरह से ठीक हो चुका है। 

डॉक्टरों ने दी थी सर्जरी कराने की सलाह

एक मीडिया रिपोर्ट में कुमार के हवाले से बताया गया- ‘मुझे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां मुझे सात दिनों तक भर्ती रखा गया और कुछ महीनों के इलाज के बाद, डॉक्टरों ने एंजियोग्राफी क, जिसमें बाएं अवरोही भाग में 95 प्रतिशत रुकावट और दाहिनी कोरोनरी धमनी में 70% मध्य रुकावट पाई गई।’ अवधेश ने कहा कि उन्हें डॉक्टरों ने स्टेंटिंग इलाज कराने की सलाह दी थी। हालांकि, पैसों की कमी के कारण उन्होंने सर्जरी नहीं कराई और इसके बजाय आयुर्वेदिक उपचार का विकल्प चुना।

पंचकर्म चिकित्सा का लिया सहारा

एआईआईए में अवधेश को विरेचन के बारे में बताया गया जो कि एक पंचकर्म चिकित्सा है। इसमें अमा नामक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए शरीर को अंदर से साफ किया जाता है। यह एक जैव-सफाई आहार है जिसका उद्देश्य रुग्ण दोषों को संतुलित करना और विषाक्त तत्वों को खत्म करना है। ऐसे में डॉक्टरों ने उन्हें तीन महीने के मौखिक दवाई का डोज दिया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन महीने तक मौखिक दवाओं के बाद वह दो सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहे। अवधेश का कहना है कि अब उनके पास एलएडी और आरसीए दोनों में 0-5 प्रतिशत ब्लॉकेज हैं - जिसका मतलब स्तर पूरी तरह से सामान्य है।

LAD रुकावट में क्या है? 

विशेषज्ञों के अनुसार, एलएडी धमनी के अंदर फैटी प्लाक जमा हो जाता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस या धमनियां सख्त हो जाती हैं। जिससे दिल का दौरा, हृदयपेशीय इस्कीमिया, अचानक रुकी हृदय से मौत, धमनी में रुकावट हो सकती है।

रोकथाम के लिए उठाएं कदम

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