सार

मेडिकल एरिया में अब रोबोट का प्रयोग होने लगा है। इलाज और सर्जरी में रोबोट अहम भूमिका निभाने लगे हैं। लेकिन मशीन कभी-कभी खतरनाक भी हो सकते हैं ये इस खबर से आप समझ सकते हैं।

हेल्थ डेस्क. मेडिकल सर्जरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोट का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ रहा है। रोबोट के जरिए सर्जन ऐसे ऑपरेशन करने में सफल हो रहे हैं जो पहले नामुकिन लगते थे। हालांकि रोबोट से एक मरीज की जान जाने का मामला सामने आया है। कैंसर पीड़ित मरीज की जिंदगी जाने पर उसके पति ने रोबोट बनाने वाली कंपनी पर केस ठोक दिया है।

कैंसर ट्रीटमेंट में रोबोट ने महिला की ली जान

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़ मृतक का नाम सैंड्रा सुल्टज़र (Sandra Sultzer) है। उसने दा विंची रोबोट के साथ अपने कोलन कैंसर का इलाज करने के लिए बैपटिस्ट हेल्थ बोका रैटन क्षेत्रीय अस्पताल में सर्जरी की थी। मृत के पति हार्वे सुल्टज़र (Harvey Sultzer) का दावा है कि कैंसर इलाज के दौरान रोबोट ने पत्नी के अंगों में छेद कर दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। केस में कहा गया है कि रोबोट ने उसकी छोटी आंत में एक छेद कर दिया। जिसके बाद उसकी हालत खराब होने लगी। उसे ज्यादा मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत थी। लेकिन वो बच नहीं पाई।

रोबोट ऐसे करता है काम

हार्वे ने रोबोट का नाम da Vinci robot बताया है, जो एक मल्टी आर्म, रिमोट से चलने वाली डिवाइस है। दा विंची के एडवर्टाइजमेंट में बताया गया था कि जहां डॉक्टर्स के हाथ नहीं पहुंच सकते हैं, वहां इस रोबोट के हाथ जा सकते हैं। इंसान के शरीर में छोटे-छोटे चीरे लगाकर सर्जन की मदद की जा सकती है। मेडिकल क्षेत्र में यही सब काम करने के लिए उसे डिजाइन किया गया है।

इतनी महीने जिंदा रही महिला

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सैंड्रा का सितंबर 2021 में बैपटिस्ट हेल्थ बोका रैटन नाम के स्थानीय अस्पताल में कोलन कैंसर का ऑपरेशन हुआ था। उसी दौरान उसकी आंत में छेद हो गया था। सर्जरी के बाद, सैंड्रा को पेट में दर्द होता रहा और बुखार होता रहा। फरवरी 2022 में उसकी मौत हो गई।

कंपनी पर लगाया बड़ा आरोप

हार्वे ने आरोप लगाया है कि IS को पता था कि रोबोट में इन्सुलेशन संबंधी समस्याएं थीं। जिसके कारण रोबोट आंतरिक अंगों को जला सकता था। इतना ही नहीं उसने यह भी आरोप लगाया है कि कंपनी अपने रोबोट उन अस्पतालों को बेचती है जिनके पास रोबोटिक सर्जरी का कोई अनुभव नहीं है। उन्हें ये भी नहीं बताया जाता है कि इस रोबोट का इस्तेमाल किस तरह से किया जाता है। कोई ट्रेनिंग नहीं दी जाती है।

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