गोली लगने के 2 सेकेंड के अंदर शरीर में क्या मचती है हलचल?

Effect of a Bullet Hitting the Body: हादसे के कारण बॉलीवुड एक्टर गोविंदा के घुटने में गोली लग गई है। जानिए सिर, दिल, छाती, हाथ या पैर में गोली लगने के बाद व्यक्ति के बचने की कितनी संभावना रहती है। 

हेल्थ डेस्क:  बॉलीवुड एक्टर गोविंदा आज सुबह खुद की लाइसेंस रिवॉल्वर साफ करते समय जख्मी हो गए। बताया जा रहा है कि एक्टर के घुटने में गोली लग गई थी जिसके तुरंत बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल गोविंदा के पैर से गोली निकाल दी गई है और एक्टर की हालत स्थिर बताई जा रही है। जानिए शरीर में गोली लगने के कुछ सेकेंड के अंदर शरीर में क्या हलचल मचती है और व्यक्ति की जान को कितना खतरा रहता है।

सिर में गोली लगने का असर

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जब सिर में घूमती हुई गोली (Spinning Bullet) घुसती है तो बुलेट के 12 गुने डायमीटर में ऊतक फट कर फैल जाते हैं। 10 मिलीसेकेंड्स के अंदर ही ऊतक वापस अपने स्थान में आ जाते हैं। 22 कैलिबर की बुलट से करीब 2.7 इंच का घाव होता है। बुलेट कैलिबर का साइज बढ़ने से घाव का आकार भी बढ़ जाता है। बुलेट की काइनेटिक एनर्जी जितनी ज्यादा होती है, बुलेट का डैमेज शरीर में उतना ज्यादा होता है। सिर में गोली लगने के बाद बचने के चांसेज बहुत कम या न के बराबर होते हैं। सिर में गोली लगने से 90% लोग 2 से 5 सेकेंड के अंदर ही दम तोड़ देते हैं।

हार्ट पर बुलेट का असर

अगर गोली व्यक्ति के दिल में लगती है तो इसे बुलेट ब्लास्ट इफेक्ट कहा जाता है। बुलेट की स्पीड जितनी तेज होती है उतनी ही तेजी से शरीर के ऊतक फटते हैं और ब्लीडिंग होती है। कार्डियक टेंपोनेड (Cardiac Tamponade or Heart Failure) होने के कारण व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो जाती है। NCBI की रिपोर्ट के मुताबिक हार्ट में गोली लगने से व्यक्ति के बचने के केवल 24.5% तक चांसेज रहते हैं।

छाती में गोली लगने से शरीर में असर

जब किसी व्यक्ति की छाती में गोली लगती है तो या तो वो फेफड़ों को डैमेज करती है या फिर सीधा हार्ट में असर करती है। फेफड़े गीले स्पंज की तरह होते हैं। जब बंदूक से निकली बुलेट छाती में लगती है तो सभी टिशू फट जाते हैं और ब्लड क्लॉटिंग शुरू हो जाती है। इस कारण से 2 सेकेंड के अंदर ही व्यक्ति की सांसे थमने लगती हैं। वहीं रिब्स के टूटने की संभावना रहती है। 

हाथ या पैर में गोली लगने का असर

हाथ या फिर पैर में बुलेट लगने पर व्यक्ति के बचने के चांस ज्यादा होते हैं। अगर बुलेट ब्लड वैसल्स या फिर बोंस को ज्यादा नुकसान पहुंचाए बिना ही बाहर निकल जाती है तो ब्लीडिंग की संभावना भी कम होती है। ऐसे में व्यक्ति को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचकर ट्रीटमेंट कराना चाहिए।

जिस स्थान में व्यक्ति को गोली लगी होती है वहां पर संक्रमण के सबसे ज्यादा चांसेस रहते हैं। ऐसा बुलेट और उसमें उपस्थित मैटेरियल्स के कारण होता है। अगर कभी किसी के साथ गलती से हादसा हो जाए तो उसे बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

Disclaimer: लेख में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। अगर आपको बुलेट या उसके घाव के संबंध में अधिक जानकारी चाहिए तो अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

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