Delhi Pollution: कहीं ट्रिगर न हो जाए अस्थमा ! जहरीली हवा के बीच ऐसे रखें ख्याल

Published : Oct 27, 2024, 05:33 PM ISTUpdated : Oct 27, 2024, 05:36 PM IST
delhi pollution

सार

Delhi pollution asthma care tips: दिल्ली की प्रदूषित हवा में अस्थमा के मरीज़ों की सेहत का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। जानिए प्रदूषण में बाहर जाने के सही समय, मास्क का उपयोग, इनडोर एयर क्वालिटी बनाए रखने से जुड़ी महत्वपूर्ण सलाह। 

हेल्थ डेस्क। दीपावली से पहले दिल्ली की आबोहवा खराब हो चुकी है। राजधानी के ज्यादातर इलाके धुंध की चादर में लिपटे हैं। हालात इतने खराब हैं कि सास लेना भी दूभर हैं। आनंद विहार से लेकर रोहिणी, द्वारका सेक्टर में IQ लेवल 400 के करीब है। जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंभीर श्रेणी मे रखा है। गैंस चैंबर बनी दिल्ली में दिवाली के हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं। ऐसे में प्रदूषण के बीच खुद का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। अगर आपके घर में भी अस्थमा के मरीज हैं तो प्रदूषण के बीच परिवारों का ध्यान कैसे रखें। ये आपको बताएंगे।

1) पीक समय पर न निकले बाहर

प्रदूषण के वक्त कोशिश करें जितना कम हो उतना ही घर से बाहर निकले। प्रदूषण के समय बाहर जाने से अस्थमा की दिक्कत बढ़ सकती है, जैसे सांस में दिक्कत, घरघराहट या खांसी। सुबह और देर शाम को प्रदूषण ज्यादा होता है, इसलिए इन समयों में बाहर जाने से बचें। बाहर जाने का सही समय दोपहर होता है जब हवा थोड़ी साफ रहती है। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो दौड़ने या तेज चलने से बचें।

2) हमेशा मास्क लगाकर निकले बाहर

वहीं, काम से जाना जरूरी है तो बिना मास्क के बाहर निकले। थोड़ी देर या फिर पूरे दिन N95 मास्क पहनें। यह मास्क 95% हानिकारक कणों को रोकता है, जैसे PM2.5, जो अस्थमा वालों के लिए हानिकारक होते हैं। मास्क को नाक और मुंह पर अच्छे से फिट करें ताकि बाहर की हवा अंदर न आ सके। अस्थमा पेशेंट हैं तो मास्क की डबल लेयरिंग करें।

3) साफ रखें घर की हवा

दिल्ली में प्रदूषण हर साल बढ़ता है, ऐसे में हर दिल्लीवासी को घर की हवा शुद्ध रखने के लिए उपाय करने चाहिए। जैसे र HEPA फिल्टर वाला एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें ताकि हानिकारक कण हट सकें। एयर कंडीशनर और पंखों की सफाई करते रहें ताकि धूल और एलर्जी पैदा करने वाले कण हट जाएं। वहीं,जितना हो सके गेट-दरवाजों को बिल्कुल बंद रखें।

4) भोजन पर दें ध्यान

प्रदूषण फेफड़ों के साथ गले को नुकसान पहुंचात है। इससे सांस नली में सूजन आ सकती है और सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पानी पियें। ऐसा करने से नलियों में जमा बलगम पतला होता है, जिससे सांस लेना आसान होता है। विटामिन C और E से भरपूर फल-सब्जियाँ खाने से सूजन कम होती है, और ओमेगा-3 फैटी एसिड से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

5) पब्लिक ट्रांसपोर्ट मत करें यूज

पहले से दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में हैं। ऐसे में बस-ऑटो जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने से बचे। ये परिवहन धुएं का अंबार होता है जिससे खतरा बढ़ सकता है। वहीं, अस्थमा पेशेंट को तो इसका इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ऐसे में जब भी बाहर जाए तब कार या फिर पर्सनल टैक्सी का इस्तेमाल करें।

6) धुएं से दूर रहे अस्थमा पेशेंट

दिल्ली के प्रदूषण के साथ धुआं भी अस्थमा पेशेंट के लिए काल से कमी नहीं है। यदि परिवार में कोई इस बीमारी से पीड़ित हैं तो उन्हें धुएं से दूर रखने की कोशिश करें। चाहे वह सिगरेट हो या फिर धूपबत्ती। ये फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और परेशानी बढ़ सकती है।

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