
Digital Fasting for mental health: आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में लोगों के पास दूसरों के लिए समय नहीं है। लोग या तो अपने काम में व्यस्त रहते हैं या फिर डिजिटल मीडिया में बिजी रहते हैं। फोन या अन्य टेक्नोलॉजी का अधिक इस्तेमाल करने से व्यक्ति को मेंटल स्ट्रेस की समस्या हो जाती है। इसे दूर करने के लिए एक नई तकनीक काम कर रही है जिसे डिजिटल फास्टिंग के नाम से जाना जाता है। डिजिटल फास्टिंग ऐसी तकनीक है जिसमें व्यक्ति कुछ समय के लिए फोन या अन्य टेक्नोलॉजी वाली चीजों से दूरी बनाकर रखता है। इसे डिजिटल डिटॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। डिजिटल फास्टिंग से मेंटल हेल्थ बेहतर बनती है और नींद भी अच्छी आती है। आईए जानते हैं डिजिटल फास्टिंग के बारे में विस्तार से।
डिजिटल फास्टिंग करने के लिए अपने मोबाइल, टैबलेट या फिर लैपटॉप में आने वाले नोटिफिकेशन को बंद करना देना चाहिए। साथ सोशल मीडिया से भी कुछ समय तक पूरी तरह दूरी बनानी चाहिए। अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बार-बार टैबलेट या मोबाइल छूने की आदत दूर हो जाएगी। डिजिटल फास्टिंग का मतलब ही कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाएं रखना है। अगर आप भी डिजिटल फास्टिंग करना चाहते हैं तो ऐसे उपाय अपनाकर सोशल मीडिया से दूरी बना सकते हैं। आज के समय में ज्यादातर लोग रील्स देखकर रातों की नींद गायब करने में लगे हैं।
डिजिटल फास्टिंग करने से आपका समय बचेगा और अपने महत्वपूर्ण काम कर सकते हैं। डिजिटल फास्टिंग अगर आप शुरू कर रहे हैं तो एक साथ मोबाइल या टीवी से दूरी बनाने के बजाय दिन में कुछ घंटे के लिए डिवाइस से दूर रहें। ऐसा करने से आपको थोड़ी परेशानी होगी लेकिन उसकी आदत पड़ जाएगी।