भारत के डॉक्टरों का कमाल!बिना ब्लड ट्रांसफ्यूजन के हुआ मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट

Published : Oct 21, 2023, 11:54 AM IST
heart transplant

सार

52 साल के मरीज को डॉक्टर ने नई जिंदगी दी है। इस्केमिक डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी और हार्ट फेलियर की आखिरी स्टेज पर खड़े चंद्रप्रकाश गर्ग को बिना ब्लड ट्रांसफ्यूजन के हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया ।

हेल्थ डेस्क.एशिया में पहली बार बिना ब्लड ट्रांसफ्यूजन के मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है। भारत के डॉक्टर ने ये कमाल करते हुए 52 साल के हार्ट पेशेंट की जान बचाई है। गुजरात के अहमदाबाद के मारेंगो सीआईएमएस अस्पताल (Marengo CIMS Hospital) के डॉक्टरों ने एशिया का पहला रक्तहीन (bloodless ) हृदय प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया।

हार्ट समेत कोई भी पड़ी सर्जरी होती है उसमें ब्लड की जरूरत होती है। लेकिन पहली बार डॉक्टरों ने तकनीक की मदद से इसके बिना ही ये चमत्कार करके दिखा दिया। चंद्रप्रकाश इस्केमिक डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी और हार्ट फेलियर की आखिरी स्टेज पर थे। जिनका हार्ट ट्रांसप्लांट करना जरूरी था। 33 साल के डोनर जिसकी वजह सड़क दुर्घटना में हो गई थी उसका हार्ट उन्हें लगाया गया। सर्जरी के दौरान खूब बहुत ज्यादा बहता है जिसकी वजह से ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होती है। लेकिन सर्जरी के दौरान डॉक्टर खून को ज्यादा बहने नहीं दिया जिसकी वजह से ट्रांसफ्यूजन की जरूरत नहीं पड़ी। हालांकि यह काफी जटिल प्रक्रिया थी और काफी सावधानी से इसे किया गया।

ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑर्गेन ट्रांसप्लांट जितना ही मुश्किल होता है

मेडिकल टर्म में जानें ब्लड ट्रांसफ्यूजन को एक ऑर्गेन ट्रांसप्लांट जितना ही मुश्किल माना जाता है।इसके लिए कड़ी निगरानी और नियंत्रण की जरूरत होती है। लेकिन डॉक्टरों ने सर्जरी को ब्लडलेस कर दिया। मतलब सर्जरी के दौरान भी खून नहीं बहा और ना ही ट्रांसफ्यूजन करना पड़ा। इतना ही नहीं पशेंट को हार्ट ट्रांसप्लांट के 9 दिन में ही डिस्चार्ज कर दिया गया। जबकि 21-24 दिन तक मरीज को दूसरी परिस्थितियों में रहना पड़ता है। इसके पीछे वजह है कि मरीज जल्दी ही रिकवरी कर लिया। हार्ट ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के निदेशक डॉ. धीरेन शाह की अगुवाई में एशिया में पहली बार इस तरह का ट्रांसप्लांट किया गया है। इस सर्जरी में कई डॉक्टर शामिल थे।

बिना ब्लड ट्रांसफ्यूजन किए हार्ट ट्रांसप्लांट मील का पत्थर साबित हुआ है

सर्जरी का नेतृत्व करने वाले डॉ. धीरेन शाह ने कहा कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन फ्री ट्रांसप्लांट एक उल्लेखनीय मील का पत्थर साबित होता है। सर्जिकल तकनीकों और टेक्नॉलोजी में प्रगति को दर्शाता है। उन्होंने रक्तहीन हृदय प्रत्यारोपण तकनीक को अपनाकर हेमोस्टेसिस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का भी उल्लेख किया।

 

PREV

Recommended Stories

Digital Detox: नींद की कमी से लेकर डिप्रेशन तक होगा दूर, 4 स्टेप में करें खुद को डिजिटल डिटॉक्स
Steel Vs Plastic Tea Strainer: प्लास्टिक या स्टील चाय छानने के लिए कौन सी छन्नी है बेस्ट?