
जब भी फंगल इंफेक्शन की बात आती है, तो हम अक्सर गर्मियों के मौसम के बारे में सोचते हैं। गर्मियों में पसीना बहुत ज्यादा आता है, जिसके कारण फंगल इंफेक्शन होना आम बात होती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि फंगल इंफेक्शन सिर्फ मानसून में नहीं बल्कि सर्दियों में होने का भी खतरा रहता है। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर विंटर में फंगल इंफेक्शन कैसे हो सकता है? आइए जानते हैं इसके कुछ खास कारणों के बारे में।
विंटर में चलने वाली ठंडी हवाएं स्किन की सेफ लेयर को कमजोर करती है और त्वचा की प्राकृतिक नमी भी कम हो जाती है। इससे स्किन में छोटी-छोटी दरारें पड़ जाती हैं। इन दरारों में फंगस आसानी से पनप जाता है और इंफेक्शन फैल जाता है। स्किन एक्सपर्ट की मानें, तो फंगल इंफेक्शन का यह मुख्य कारण यह होता है।
सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए लोग टाइट कपड़े पहनते हैं।मोटे कपड़ों के कारण शरीर के अंदर हवा नहीं जा पाती। इस कारण से शरीर से निकलने वाला पसीना भी वहीं रह जाता है। नमी बढ़ने के कारण फंगस इंफेक्शन बढ़ाने का खतरा ज्यादा रहता है। टाइट और सिंथेटिक कपड़ों की रगड़ जलन को और ज्यादा बढ़ा देती है।
ठंड में लोग कपड़े तो ज्यादा पहनते हैं लेकिन नहाते कम है। लगातार शरीर में गंदगी जमा होने के कारण फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। अगर सर्दियों में निर्मित शरीर की सफाई की जाए, तो इस खतरे को कम किया जा सकता है।
जिम, फिटनेस स्टूडियो, ऑफिस और शेयर्ड चेंजिंग रूम में भीड़ के कारण गर्मी होती है और ये बंद, नमी वाली छोटी जगहें मैट, तौलिए और सामान जैसी शेयर की गई चीजों से भी फंगल इंफेक्शन फैल जाता है।
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सर्दियों में फंगल इंफेक्शन को रोका जा सकता है। इलाज से बेहतर है कि शुरुआती रोकथाम की जाए। जानिए कैसे विंटर स्किन करें।
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