HIV दवा से लेकर कोरोना वैक्सीन तक, 2024 में चर्चा में रहे इन बीमारियों के इलाज

Published : Dec 11, 2024, 06:04 PM IST
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सार

साल 2024 में स्वास्थ के क्षेत्र में हुई नई खोजों ने उम्मीद की नई किरण जगाई। HIV की दवा लेनाकापाविर, कोरोना की नई mRNA वैक्सीन, Tirzepatide वेट लॉस इंजेक्शन और सर्वाइकल कैंसर की निशुल्क वैक्सीन ने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई।

हेल्थ डेस्क: साल 2024 में स्वास्थ से संबंधित कई स्टडी और क्लीनिकल ट्रायल हुए, जिन्होंने उम्मीद की किरण जगा दी। चाहे बात कोरोना वैक्सीन की हो या फिर एचआवी की दवा की, साइंटिस्ट के प्रयासों ने लोगों के स्वास्थ्य को पहले से बेहतर बनाया है। आइए जानते हैं खास दवाओं और वैक्सीन के बारे में।  

HIV से बचाने वाली दवा 

2024 में दवा लेनाकापाविर का सक्सेसफुल क्लीनिकल ट्रायल हुआ। इस ट्रायल को साउथ अफ्रीका की महिलाओं पर किया गया। साल में करीब दो बार महिलाओं को HIV के खिलाफ एंटीवायर शॉट्स दिए गए। स्टडी में बात साबित हुई कि महिलाएं अब बीमारी से पूरी तरह से सुरक्षित हैं। लेनाकापाविर का सफल ट्रायल इस बात का सुबूत है कि भविष्य में लोगों को एचआइवी से पुरी तरह सुरक्षा मिलेगी। कोशिश की जा रही है कि कम आय वाल देशों में जल्द से लेनाकापाविर दवा उपलब्ध कराई जाए।

कोरोना के लिए नई वैक्सीन हुई लॉन्च 

अगस्त 2024 में एफडीए ने mRNA COVID-19 Vaccines अप्रूव की। वैक्सीन SARS-CoV-2 के ओमिक्रॉन वेरिएंट KP.2 स्ट्रेन से सुरक्षा प्रदान करती है। वैक्सीन के अप्रूव होने से न सिर्फ कोरोना पेशेंट के हॉस्पिटलाइज होने का खतरा कम हुआ बल्कि कोरोना के कारण अचानक से होने वाली मौत में भी गिरावट दर्ज की गई। mRNA COVID-19 टीके मॉडर्नाटीएक्स इंक और फाइजर इंक द्वारा बनाए गए। वैक्सीन का इस्तेमाल 12 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों पर अप्रूव हुआ।

वेट लॉस के लिए Tirzepatide इंजेक्शन

2024 में नया इंजेक्टेबल वेट लॉस ड्रग भी चर्चा में रहा। इस इंजेक्शन की मदद से प्रीडायबिटिक और मोटे लोगों में डायबिटीज के खतरे को 90% तक कम किया जा सकता है। तीन साल के ट्रायल में पॉजिटिव रिजल्ट मिले जिसके कारण तिर्ज़ेपेटाइड इंजेक्शन को उम्मीद की किरण माना गया।

निशुल्क सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन

साल 2024 में स्वास्थ्य की दिशा में एक और मजबूत कदम उठाया गया। 9 से 14 साल तक की लड़कियों को फ्री में सर्वाइक वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा केंद्र सरकार ने की। आपको बताते चले कि ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के कारण महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर हो जाता है। ये कैंसर जानलेवा बीमारी है। एचपीवी वैक्सीन महिलाओं को 46 साल तक दी जाती है।

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