HMPV वायरस: जानें कौन-कौन लोग हैं सबसे ज्यादा खतरे में और कैसे रखें अपना बचाव

सार

एचएमपीवी एक पुराना वायरस है। यह वायरस आमतौर पर हल्के रोग का ही कारण बनता है। लेकिन शिशुओं, बुजुर्गों या पहले से बीमार लोगों में यह निमोनिया का कारण बन सकता है। 

हेल्थ डेस्क. मुंबई में छह महीने के बच्चे में एचएमपीवी वायरस (HMPV Virus) की पुष्टि हुई है। बच्चे का इलाज मुंबई के पवई इलाके के हीरानंदानी अस्पताल में चल रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्चों में एचएमपीवी वायरस का संक्रमण ज्यादा देखा जा रहा है। एचएमपीवी एक पुराना वायरस है। यह वायरस आमतौर पर हल्के रोग का ही कारण बनता है। 

निमोनिया का बन सकता है कारण

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 शिशुओं, बुजुर्गों या पहले से बीमार लोगों के लिए यह वायरस खतरनाक है। यह निमोनिया का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह सांस लेने में तकलीफ और अस्पताल में भर्ती होने का कारण भी बन सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर वायरस तेजी से फैलता है। पूर्व एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। मास्क लगाकर रखना चाहिए।

हेल्थ एक्सपर्ट का क्या है कहना?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। घबराने की कोई बात नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।  वायरोलॉजिस्ट डॉ. सौमित्र दास ने कहा कि एचएमपीवी वायरस की तुलना कोरोना वायरस से नहीं की जा सकती। एचएमपीवी कोरोना वायरस जैसा नहीं है। इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है, सौमित्र दास ने कहा।

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सर्दी के मौसम में सामान्य वायरस संक्रमण है 

यह सर्दी के मौसम में होने वाला एक सामान्य वायरस संक्रमण है। हर साल इसके मामले सामने आते हैं। यह वायरस संक्रमण ज्यादातर जुलाई, अगस्त और दिसंबर, जनवरी के महीनों में रिपोर्ट किया जाता है। इसके मुख्य लक्षण सर्दी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ हैं। बचाव के लिए आप सफाई का ध्यान रखें। हाथों को साबुन से धोएं और सैनेटाइज करें। मास्क लगाकर निकलें।

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