
नीले रंग की चाय? हैरान मत होइए! ये अपराजिता के फूलों का कमाल है। रोज सुबह चाय या कॉफी की जगह एक कप अपराजिता की चाय पीने से आपकी सेहत में जबरदस्त फायदा हो सकता है। इसके फायदे जानकर आप दंग रह जाएंगे। अपराजिता का फूल देखने में जितना खूबसूरत होता है, उतने ही इसके औषधीय गुण भी कमाल के हैं। इसकी चाय कई बीमारियों से निजात दिलाने में मददगार है।
अपराजिता में मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जिससे पेशाब का बहाव बेहतर होता है। ये शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। अगर आपको डिहाइड्रेशन की समस्या है, तो रोज सुबह अपराजिता की चाय पी सकते हैं। ये किडनी को स्वस्थ रखने का एक बेहतरीन तरीका है।
पुराने जमाने में इस चाय को याददाश्त बढ़ाने वाला अमृत कहा जाता था। इसके फूलों का गहरा नीला रंग प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स की वजह से होता है। कुछ शोध बताते हैं कि अपराजिता की पंखुड़ियां याददाश्त और दिमाग़ी क्षमता को बढ़ाती हैं। रोज सुबह बिना कैफीन वाली ये चाय पीने से दिमाग चुस्त-दुरुस्त रहता है। अपराजिता की चाय से आपका दिन शानदार शुरू होगा।
आजकल लोग का समय मोबाइल, लैपटॉप और टीवी जैसी डिजिटल स्क्रीन पर बिताते हैं। इससे आंखें थक जाती हैं। अपराजिता की चाय आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करती है। आयुर्वेद में भी इस फूल की पंखुड़ियों को आंखों के लिए फायदेमंद बताया गया है। ये तनाव कम करने में भी मददगार है।
कहा जाता है कि इस चाय को पीने से वजन कंट्रोल में रहता है। हालांकि, इसके पुख्ता सबूत कम हैं, लेकिन ये शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसे खाली पेट पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।
कुछ शोध बताते हैं कि खाने के बाद अपराजिता की चाय पीने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता। ये इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाकर डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करती है। इस चाय को खाली पेट पीने से ज्यादा फायदा होता है। लेकिन, इस चाय को पीने वालों को अपनी दवाइयां बंद नहीं करनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह के मुताबिक़ दवाइयाँ लेते रहना ज़रूरी है।
इस चाय को पीने से जोड़ों का दर्द, दिल की समस्याएं जैसी कई पुरानी बीमारियों में आराम मिलता है। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स सूजन कम करने में मदद करते हैं।
एक कप पानी उबालें और उसमें 5-6 अपराजिता के फूल डालें। जब पानी का रंग बदल जाए, तो फूलों को छान लें। इसमें नींबू का रस और शहद मिलाकर पिएँ। डायबिटीज के मरीजो को शहद नहीं डालना चाहिए।