
हेल्थ डेस्क: इस बार के बजट में मखाना प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके लिए एक विशेष बोर्ड की घोषणा की है। इस बोर्ड का उद्देश्य मखाने के उत्पादन, भंडारण और वितरण को बढ़ाना है।मखाने को यूँ ही खाने के बजाय दूध में भिगोकर खाने से ज़्यादा फ़ायदे मिलते हैं। मखाने को फॉक्स नट्स और कमल के बीज भी कहते हैं।
दूध में भीगे मखाने में कम सोडियम और ज़्यादा पोटेशियम होता है, इसलिए ये दिल के मरीज़ों के स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होते हैं। ज़्यादा पोटेशियम उच्च रक्तचाप के मरीज़ों में रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।
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मखाने में विटामिन ए, मैग्नीशियम, सेलेनियम जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करते हैं और शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं।
दूध में भीगे मखाने हड्डियों को मज़बूत बनाने में भी मददगार होते हैं क्योंकि दोनों में कैल्शियम होता है। ये त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने, त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार और उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने में भी मददगार हैं।
वजन कम करना चाहने वाले लोग दूध में भीगे मखाने खा सकते हैं क्योंकि ये शरीर में अतिरिक्त कैलोरी कम करने में मदद करते हैं।
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