Shocking: सैंडविच खाते वक्त हुआ अजीब एहसास, डॉक्टर ने कहा- सिर्फ 12 महीने ही रहोगे जिंदा

Health Alert: कुछ ऐसी बीमारियां होती है जिसका पता लास्ट स्टेज पर ही चलता है। 39 साल के डेस लॉन्गस्टाफ के साथ भी कुछ ऐसा हुआ जब डॉक्टर ने कहा कि आपकी जिंदगी अब 12 महीने की है।

 

Rare cancer diagnosis: ब्रिटेन के एक शख्स को तब एक जानलेवा बीमारी के बारे में पता चला जब वो बेकन और सॉसेज सैंडविच खा रहा था। 39 साल के डेस लॉन्गस्टाफ को खाते वक्त गले में अजीब सा महसूस हुआ जिसके बाद वो डॉक्टर के पास गए और पता चला कि उन्हें स्टेज 4 एसोफेजियल एडेनोकार्सिनोमा (Esophageal Adenocarcinoma) है। यह एक खतरनाक गले का कैंसर है।

द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक डेस एक पेशेवर लैंडस्केप कॉन्ट्रैक्टर हैं। जब वो अपने दोस्त के लिए काम कर रहे थे तब उनके साथी ने उन्हें सैंडविच दिया। डेस ने बताया कि मैंने बिना किसी सॉस के सैंडविच खाया, लेकिन यह मेरे भोजन नली में फंस गया। पानी पीने के बावजूद भी यह नीचे नहीं गया। मुझे लगा जैसे मैं दम घुटने से मर जाऊंगा।। इसके बाद डॉक्टर के पास गए। वहां पर उनका एंडोस्कोपी किया गया। एंडोस्कोपी से पहले डेस को खून की उल्टी हुई और मल में भी खून देखा। इसके बाद तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां 35 सेमी का ट्यूमर उनके एसोफेगस (भोजन नली) में पाया गया।

Latest Videos

डेस को स्टेज 4 का गले का कैंसर था। डॉक्टर ने उन्हें कहा कि उनके पास सिर्फ 12 महीने का वक्त है। डॉक्टर को पहले उम्मीद थी कि ट्यूमर को कीहोल सर्जरी से हटा दिया जाेगा। लेकिन जब कैंसर (Cancer) गले से लीवर तक फैल गया तो इलाज के ऑप्शन सीमित हो गए। फिलहाल, डेस इम्यूनोथेरेपी और कीमोथेरेपी (chemotherapy) पर हैं, लेकिन डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया कि यह इलाज केवल उनकी तकलीफ कम करने के लिए है, न कि कैंसर को पूरी तरह ठीक करने के लिए।

जर्मनी में इलाज की उम्मीद

हालांकि, डेस और उनके परिवार ने हार नहीं मानी है। उनकी मां, ट्रेसी लॉन्गस्टाफ ने एक GoFundMe कैंपेन शुरू किया है, जिससे वह जर्मनी में एक विशेष इलाज के लिए धन जुटा सकें। डेस की मां ने कहा कि हम जर्मनी में ऐसे नए इलाज की तलाश कर रहे हैं, जिससे डेस की जीवन प्रत्याशा को 5 साल या उससे अधिक बढ़ाया जा सके। हालांकि इलाज महंगा है इसलिए फंड जुटाया जा रहा है।

जर्मनी में कैसे होगा इलाज?

डेस के अनुसार, जर्मनी में कैंसर को लेकर एक अलग नजरिया है। वहां के डॉक्टरों के मुताबिक, अगर कैंसर पूरे शरीर में नहीं फैला है, तो यह टर्मिनल नहीं है।

जर्मनी में कैसे होगा उनका इलाज

लीवर में कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए हाई-डोज़ कीमोथेरेपी दी जाएगी।

एसोफेगस के मुख्य ट्यूमर की रक्त आपूर्ति को 5 दिनों के लिए बंद कर दिया जाएगा, जिससे यह खुद ही मर जाएगा।

इसके बाद ट्यूमर को काटकर हटाया जाएगा और पेट की लाइनिंग को मेष (Mesh) से फिर से बनाया जाएगा।

डेस का कहना है कि यह उनकी आखिरी उम्मीद है। वो अपने 5 साल के बेटे को बड़ा होते हुए देखना चाहते हैं। वाकई ही जीवन अनिश्चितताओं से भरा है। कैंसर की बीमारी के कई लक्षण समस्या गंभीर होने पर दिखते हैं। इसलिए टेस्ट कराते रहना चाहिए।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

सीएम Rekha Gupta और Parvesh Verma ने की सुनहरी पुल ड्रेन पर चल रहे काम की समीक्षा
क्या है Hyderabad की मशहूर डिश Haleem ? Ramdan में जायका लेने पहुंच रहे लोग
Sambhal में होली के गीतों पर जमकर झूमे CO अनुज चौधरी, जमकर किया डांस
Dimple Yadav ने BJP सरकार पर साधा निशाना, बोलीं “स्वास्थ्य व्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है”
पाकिस्तान को इनविटेशन से लेकर विश्वासघात तक... PM Modi ने इंटरव्यू में किए कई चौंकाने वाले खुलासे