
Moringa Benefits: स्त्री का शरीर कई तरह के बदलाव से गुजरते हैं। पीरियड्स का पेन वो सहती हैं, तो मेनोपॉज में वो कई तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजरती हैं। वैसे तो कुछ लोग स्त्री में हो रहे बदलाव से इत्तेफाक रखते हैं, जबकि कुछ को ये महज ड्रामा जैसा लगता है। दुनिया में 60 प्रतिशत से ज्यादा तलाक मेनोपॉज की वजह से होते हैं, क्योंकि पति अपनी पत्नी के अंदर हो रहे बदलाव को समझ ही नहीं पाता है। मेनोपॉज के दौरान मूड और हेल्थ दोनों प्रभावित होते हैं। चलिए जानते हैं, मेनोपॉज के दौरान कौन-कौन से बदलाव होते हैं और मोरिंगा कैसे महिलाओं के लिए फायदेमंद है।
हार्मोनल असंतुलन: इस समय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर घटने लगता है। जिससे मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और नींद की समस्या हो सकती है।
सेक्स ड्राइव में कमी: लिबिडो (यौन इच्छा) में गिरावट, योनि में ड्राइनेस और पेनफुल इंटरकोर्स जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं, जिससे कपल्स के बीच दूरी आने लगती है।
मेंटल हेल्थ पर असर: कई महिलाएं इस फेज में एंग्जायटी, डिप्रेशन और ओवरथिंकिंग से गुजरती हैं। जिससे गलतफहमियां और इमोशनल गैप्स बढ़ सकते हैं।
फिजिकल बदलाव: वजन बढ़ना, हॉट फ्लैशेज, स्किन एजिंग और बालों का झड़ना जैसे लक्षण भी आत्मविश्वास को कम कर देते हैं।
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मेनोपॉज में हार्मोनल थेरेपी (Hormone Replacement Therapy - HRT) एक ऐसी ट्रीटमेंट है, जिसमें शरीर में घट रहे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की पूर्ति की जाती है। इसका उद्देश्य महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान आने वाले लक्षणों जैसे हॉट फ्लैशेज, मूड स्विंग्स, नींद की समस्या, योनि में सूखापन और हड्डियों की कमजोरी से राहत देना होता है। लेकिन एचआरटी की जगह आप मोरिंगा से भी अपने हेल्थ को ठीक रख सकते हैं। नेचुरल तरीके से यह हार्मोन को बैलेंस करता है।
मोरिंगा यानी सहजन की पत्तियां ‘नेचुरल हीलिंग प्लांट’ मानी जाती हैं। इसमें विटामिन A, C, E और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है जो मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद फाइटोएस्ट्रोजेन्स हार्मोन बैलेंस को सुधारते हैं। इसमें ट्रिप्टोफैन होता है जो सेरोटोनिन (हैप्पी हार्मोन) को बढ़ाता है। इसमें कैल्शियम और आयरन होता है जो हड्डियों को कमजोर होने से रोकता है। इसके अलावा थकान और कमजोरी को दूर करके बॉडी को एक्टिव रखता है।
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