स्टडी:शरीर में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक्स बढ़ा सकता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा

माइक्रोप्लास्टिक्स के छोटे-छोटे कण हवा या फिर पेट के जरिए शरीर तक पहुंच जाते हैं। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इस बात का खुलासा हाल ही में स्टडी में किया गया है।

Nitu Kumari | Published : Mar 30, 2024 6:54 AM IST

हेल्थ डेस्क. माइक्रोप्लास्टिक्स सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है। ये बात हम सबको पता है। लेकिन हाल में इसे लेकर एक स्टडी की गई जिसमें जो बातें सामने आई हैं वो सावधान कर देने वाली है। फैटी प्लाक लाइनिंग धमनियों में माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स जमा होने से व्यक्ति में स्ट्रोक, दिल का दौरा या मृत्यु का खतरा लगभग पांच गुना बढ़ सकता है। वाकई ये डराने वाली बात हैं।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में इन छोटे प्लास्टिक कणों वाली धमनी पट्टिका वाले लोगों और उन लोगों के बीच स्वास्थ्य परिणामों की तुलना की गई जिनमें यह नहीं होता है। इटली के मिलान में आईआरसीसीएस मल्टीमेडिका में डायबिटीज के हेड, स्टडी के लेखक एंटोनियो सेरीलो ने बताया कि किसी को भी प्लाक में नैनोप्लास्टिक्स होने या न होने के बीच इतना बड़ा अंतर देखने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन जो सच सामने आया हो दंग करने वाला था। दिल का दौरा पड़ने का पांच गुना अधिक जोखिम एक बहुत बड़ा अंतर है।

Latest Videos

हर जगह  मौजूद हैं प्लास्टिक के कण

ये खराब प्लास्टिक कण आर्कटिक की बर्फ से लेकर झीलों और नदियों तक हर जगह मौजूद हैं। वैज्ञानिकों ने इन्हें मानव फेफड़ों, प्लेसेंटा,ब्रेस्ट मिल्क और हाल ही में धमनियों में खोजा है।ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल और फैट से भरपूर पदार्शों से बना प्लाक का निर्माण अपने आप में हार्ट से जुड़ी दिक्कतों की आशंका को बढ़ाता है। फिर भी नए शोध से पता चलता है कि प्लास्टिक कणों के जुड़ने से यह खतरा और बढ़ सकता है।

शोधकर्ता की टीम ने 150 लोगों या लगभग 60% प्रतिभागियों में पॉलीथीन, प्लास्टिक का सबसे आम प्रकार पाया। लगभग 12% में पॉलीविनाइल क्लोराइड या पीवीसी की मापनीय मात्रा भी थी। शोधकर्ताओं को प्लाक में फंसे माइक्रोप्लास्टिक की तुलना में अधिक नैनोप्लास्टिक मिले।

माइक्रोप्लास्टिक्स हार्ट को कैसे पहुंचाता है नुकसान?

माइक्रोप्लास्टिक्स हार्ट के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक साबित होते हैं। शरीर में नैनोप्लास्टिक या फिर माइक्रोप्लास्टिक होने से कई बार प्लाक जम जाते हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन पर भी असर पड़ता है। ऐसे में हार्ट से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। माइक्रोप्लास्टिक पाए जाने पर कई बार प्रीमेच्योर डिलीवरी होने का भी जोखिम बढ़ जाता है।

शरीर में कैसे पहुंचता है माइक्रोप्लास्टिक

माइक्रोप्लास्टिक कॉस्मेटिक्स, लिपबाम और कई बार प्लास्टिक की बोतल के माध्यम से शरीर में एंट्री कर जाते हैं। कई बार माइक्रोप्लास्टिक के छोटे-छोटे कण हवा के जरिए शरीर के अलग-अलग अंगों तक चले जाते हैं। जो दिमाग और हार्ट के लिए खतरा पैदा करते हैं।

और पढ़ें:

पीले दाने पिघला देंगे कमर की चर्बी! बस इन 5 तरीकों से रोजाना खाएं

PCOS और थायराइड में घटाया 22KG, इस डाइट से मोटापा संग बीमारी भी हुई खत्म!

Share this article
click me!

Latest Videos

US Election Results 2024: Donald Trump ने कैसे दर्ज की ऐतिहासिक जीत? 5 वजह आईं सामने
शिवराज सिंह को मिला अम्मा का प्यार, बीच सड़क पर दे दिया खास तोहफा #Shorts
आखिर क्यों CM योगी ने महाअघाड़ी गठबंधन को बताया महाअनाड़ी गठबंधन #Shorts
अमेरिका की सेकंड लेडी बनने जा रहीं Usha Chilukuri Vance, क्या है भारत से खास रिश्ता
Donald Trump Victory: अमेरिकी चुनावों में ट्रंप की जीत पर Hamas ने दिया रिएक्शन ? | US Election 2024