New Research: सिगरेट न छूने पर भी इस कारण से तेजी से फैल रहा Lung cancer

Published : Feb 05, 2025, 11:12 AM IST
New Research: सिगरेट न छूने पर भी इस कारण से तेजी से फैल रहा Lung cancer

सार

रिसर्च में खुलासा हुआ है कि 2022 में, दुनिया भर में धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के 53-70% मामलों में एडेनोकार्सिनोमा जिम्मेदार था। जो लोग धूम्रपान से दूर रहते हैं, उनमें भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ गया है। 

हेल्थ डेस्क: धूम्रपान करने वालों को कैंसर होना आम बात मानी जाती है। लेकिन, जो लोग धूम्रपान से दूर रहते हैं, उन्हें भी कैंसर हो सकता है। यह जानलेवा बीमारी महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रभावित कर सकती है। अध्ययनों से पता चला है कि फेफड़ों के 53 से 70 प्रतिशत हिस्से में कैंसर पाया गया है। जो लोग सिगरेट-बीड़ी से दूर रहते हैं, वे भी इसके शिकार हो सकते हैं। एक नए अध्ययन में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। माना जा रहा है कि इसके पीछे वायु प्रदूषण एक प्रमुख कारण है।

नई रिचर्स में लंग कैंसर को लेकर दावा

मंगलवार को विश्व कैंसर दिवस पर 'द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन' जर्नल में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ। विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी 2022 डेटासेट से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण करके चार प्रकार के फेफड़ों के कैंसर के मामलों का पता चला है। ये हैं एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, छोटे और बड़े सेल कार्सिनोमा।

शोधकर्ताओं ने पाया कि एडेनोकार्सिनोमा एक ऐसा कैंसर है जो बलगम और पाचक ग्रंथियों जैसी तरल पदार्थ पैदा करने वाली ग्रंथियों से शुरू होता है। यह कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रमुख बनकर उभरा है।

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अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 2022 में, दुनिया भर में धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के 53-70% मामलों में एडेनोकार्सिनोमा जिम्मेदार था। शोधकर्ताओं का कहना है कि फेफड़ों के कैंसर के अन्य उप-प्रकारों की तुलना में, एडेनोकार्सिनोमा का जोखिम धूम्रपान से कमजोर रूप से जुड़ा हुआ माना जाता है।

शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि जागरूकता के कारण दुनिया के कई देशों में धूम्रपान की प्रवृत्ति कम हो रही है, इसलिए जो लोग कभी धूम्रपान के आसपास भी नहीं गए, उनमें भी फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।

हवा की खराब गुणवत्ता बन रही कारण

2019 के आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया के लगभग सभी लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार हवा की गुणवत्ता खराब है। इसे बेहद खतरनाक माना जा रहा है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर कोई आपके पास खड़ा होकर धूम्रपान करता है, तो उसका धुआं आपके फेफड़ों में जाने की संभावना होती है। नतीजतन, भले ही आप धूम्रपान न करें, फिर भी आपको नुकसान होगा। अध्ययन में पाया गया है कि फेफड़ों का एक बड़ा हिस्सा कैंसर से प्रभावित होने पर भी कई बार व्यक्ति को इसका पता नहीं चलता है।

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