इस बीमारी की वजह से पुलिसकर्मी ने ओडिशा के मंत्री की कर दी हत्या! जानें लक्षण और ट्रीटमेंट

हेल्थ डेस्क. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास (Naba kishore das) की हत्या पुलिसकर्मी गोपाल दास ने कर दी। जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि वो बाइपोलर डिसऑर्डर नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में..

Nitu Kumari | Published : Jan 30, 2023 9:03 AM IST / Updated: Jan 30 2023, 02:34 PM IST
17

ASI गोपालदास ने एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास को बहुत ही नजदीक से गोली मार दी। इलाज के दौरान ओडिशा के मंत्री की मौत हो गई। हालांकि इसी मामले की उच्च स्तरीय जांच हो रही है। लेकिन मीडिया से हवाले से जो खबर आ रही है कि गोपाल दास बाइपोलर डिसऑर्डर पीड़ित है। इसी बीमारी की वजह से उसने गोली चलाई।

27

बाइपोल डिसऑर्डर से 150 भारतीय में से एक पीड़ित होते हैं। इसलिए यह कोई रेयर बीमारी नहीं है। इस बीमारी को लेकर जागरुकता भले ही फैल रही है, लेकिन अभी भी 70 प्रतिशत लोगों को पता ही नहीं चलता है कि वो इस बीमारी के शिकार हैं। जिसकी वजह से इलाज नहीं पाता है और मामला बिगड़ जाता है।

37

क्यों होती है यह बीमारी
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है। यह शरीर में डोपामाइन हार्मोंन के बैलेंस बिगड़ने की वजह से होती है। असंतुलित डोपामाइन हार्मोन इंसान के स्वभाव में बड़ा परिवर्तन लाता है। जिसकी वजह से तगड़ा मूड स्विंग्स होता है। वो या तो काफी फुर्तीला या आक्रमक महसूस करता है या फिर उदासी के दौरे पड़ने लगते हैं। इन दोनों स्थितियों को हाइपरमेनिया और हाइपोमेनिया कहते हैं।

47

किस उम्र में होती है यह बीमारी

इस बीमारी की शुरुआत अक्सर 14 साल से 19 साल के बीच होती है| इस बीमारी से महिला या पुरुष दोनों प्रभावित होते हैं। वैसे तो कई बार यह बीमारी अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन मामला बिगड़े पर इलाज की जरूरत पड़ती है। 40 की उम्र के बाद बहुत ही कम लोग इस बीमारी के शिकार होते हैं।

57

हाइपरमेनिया के लक्षण
हाइपरमेनिया के दौरान मूड बहुत ज्यादा हाई होता है। मन में बेचैनी होती है। उसका खुद पर नियंत्रण खो देता है। वो अजीबो गरीब बातें करने लगता है। इतना ही नहीं वो असंभव बातें करने लगता है। काम तेजी से करता है। उसे नींद नहीं आती है और ना ही थकान महसूस करता है। वो ज्यादा खर्च करने लगता है। हाइपरेमिया के शिकार लोगों में यह लक्षण करीब एक हफ्ते तक रहता है। अगर यह लक्षण दो हफ्ते तक बना रहे तो इसका मतलब होता है कि उसे तेजी से दौरा पड़ा है। इसके अलावा अन्य लक्षण-
-बिना वजह नौकरी छोड़ देना
-सेक्स के तरह या फिर सेक्सुअल कंटेंट की तरफ आकर्षण तेजी से बढ़ना
-शराब या नशीले पदार्थ का सेवन तेजी से करना
-अकेले घूमने निकल जाना
-बिना सोचे-समझे पैसा खर्च करना

67

हाइपोमेनिया के लक्षण
इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति एकदम शांत हो जाता है। वो बिना किसी बात के रोने लगता है। अकेले कमरे में बैठा रहता है। उसे लगता है कि जिंदगी में कुछ बचा नहीं हैं। हर वक्त बिस्तर पर पड़े रहता है। इतना ही नहीं आत्महत्या का विचार आने लगता है। भूख और वजन भी कम होने लगते हैं।

77

बाइपोलर का इलाज
वैसे तो अगर किसी को यह बीमारी हो जाए तो उसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है।लेकिन दवाओं और थेरेपी से इस पर कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर दिमाग की झिल्ली में डोपेमान हार्मोन को संतुलित करने के लिए स्टेबिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही फैमिली को इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का खास ख्याल रखने के लिए कहा जाता है। ताकि वो कोई गलत कदम ना उठा सकें। 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos