क्यों मिस हो जाते हैं पीरियड्स, किस उम्र से शुरू होकर किस उम्र तक रहता है पीरियड, गायनो डॉ. एसपी जैसवार से जानें ऐसे सवालों के जवाब
हेल्थ डेस्क.पीरियड्स मिस होते ही सबसे पहला ख्याल जो मन में आता है वो होता है कि प्रेंग्नेंट तो नहीं हो गए। कुंवारी लड़कियों के लिए तो पीरियड्स का मिस होना डराने वाली वजह बन जाती है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता इसके ना आने के दूसरे कारण भी होते हैं।
Nitu Kumari | Published : Jul 6, 2023 6:28 AM IST / Updated: Jul 06 2023, 05:31 PM IST
24 साल की चारु (बदला हुआ नाम)काफी परेशान थी वो डेढ़ महीने हो गए थे और उसका पीरियड्स नहीं आया था। वो डर रही थी कि कहीं वो प्रेग्नेंट तो नहीं हो गई है। उसने प्रेग्नेंसी किट से टेस्ट भी किया लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आया। उस समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों हो रहा है। अक्सर महिलाओं के साथ ये समस्या देखने को मिलती है। पीरियड्स का मिस हो जाना वो प्रेग्नेंसी को जोड़कर देखती है। जबकि इसके अन्य कई कारण हो सकते हैं। जिसके बारे में जानकारी हर महिला को रखना चाहिए।लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की हेड ऑफ डिपार्मेंट प्रोफेसर एसपी जैसवार से एशियानेट हिंदी ने इस टॉपिक पर बात की। उन्होंने एमेनोरिया (amenorrhea)होने के पीछे कई वजह बताई। जो हेल्थ चेकअप कराने के लिए अलर्ट करता है। तो चलिए बताते हैं क्यों लेट या मिस हो जाता है पीरियड।
ब्रेस्ट फीडिंग बन सकती है वजह
मां बनने के बाद कुछ महीनों तक तो महिलाओं को पीरियड नहीं आते हैं। लेकिन बाद में अगर ये रेगुलर नहीं होता है तो इसके पीछे वजह ब्रेस्ट फीडिंग यानी स्तनपान भी हो सकता है। ब्रेस्ट फीडिंग और पीरियड्स के बीच सीधा-सा कनेक्शन हॉर्मोन्स के कारण होता है। इस कारण कुछ महिलाओं में पीरियड्स की अनियमतितात हो जाती है। ब्लीडिंग भी कम होने लगती है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
डॉ एसपी जैसवार की मानें तो पीसीओएस (Polycystic ovary syndrome) के कारण भी युवा महिलाओं में कुछ समय के लिए एमेनोरिया की समस्या हो सकती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में अंडाशय बड़ी मात्रा में एंड्रोजन बनाते हैं। जो एक प्रकार का हार्मोन हैं। यह हार्मोन ओव्यूलेशन को रोकता या देरी करता है। जिससे पीरियड्स का चक्र बिगड़ जाता है।
थाइराइड और हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया
थाइराइड और हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया भी पीरियड्स को अनियमित कर देते हैं। कभी पीरियड्स मिस हो जाता है तो कभी यह देर से आता है। हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया ऐसी स्थिति है जिसमें हार्मोन प्रोलैक्टिन का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। ये कई तरह से महिलाओं को प्रभावित करता है। मसलन योनि में सूखापन,सेक्स ड्राइव में कमी, बांझपन, ब्रेस्ट मिल्क डिस्चार्ज भी इसके लक्षण होते हैं।
प्रीमेनोपॉज और मेनोपॉज
जब महिलाओं की उम्र 45 से बार जाती है तो वो प्रीमेनोपॉज के दौर से गुजरने लगती है। ऐसे में उनका पीरियड्स अनियमित हो जाती है। मेनोपॉज में यह पूरी तरह खत्म हो जाता है।
पीरियड किस उम्र से शुरू होकर किस उम्र तक रहता है?
पीरियडस् आने की उम्र 11-13 साल के बीच होती है। जबकि यह 50-55 साल तक जारी रहता है। पीरियड का खत्म हो जाना मेनोपॉज कहलाता है। मासिक धर्म यानी पीरियड के दौरान हाइजीन का खास ख्याल रखना होता है। हर दिन नहाना चाहिए। 4-6 घंटे के भीतर पैड बदलें। अंडरगारमेंट्स ठीक से साफ होने चाहिए। हर रोज अंडरगामेंट्स बदलना चाहिए।
पीरियड्स का चक्र कितने दिनों का?
डॉ एसपी जैसवार के अनुसार पीरियड 28-30 दिनों के अंतराल पर आता है। जो 3-5 दिनों तक रहता है। कई बार महिलाओं को इससे ज्यादा भी ब्लीडिंग होती है। अगर ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से इसकी जांच करानी चाहिए।