Powassan Virus All Need to Know: इस साल का पोवासन वायरस रोग से मौत का पहला मामला दर्ज किया गया है। देखते ही देखते पोवासन वायरस दुनिया भर में चुनौती बनकर आगे आ रहा है। जानें इसके लक्षण और बचाव।
हेल्थ डेस्क: दुनियाभर में अब खतरनाक वायरस पोवासन की चर्चाएं हो रही हैं। ये जानलेवा वायरस इंसानों के लिए बेहद घातक हैं। देखते ही देखते पोवासन वायरस दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चुनौती बनकर आगे आ रहा है। अब ताजा जानकारी के मुताबिक इस वायरस के चलते अमेरिका में एक मौत का मामला भी सामने आया है। मेन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा है, एक वयस्क की हाल ही में कथित तौर पर घातक वायरस से संपर्क में आने के बाद मृत्यु हो गई है। इस प्रकार यह इस साल का पोवासन वायरस रोग से मौत का पहला मामला दर्ज किया गया है।
पोवासन संक्रमण काफी दुर्लभ हैं और ये विशेष रूप से अमेरिका, कनाडा, रूस में फैल रहा है, जिससे वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई है। Maine USA में साल 2015 के बाद संक्रमण के लगभग 15 मामलों को दर्ज करने के बाद पिछले साल दो मौतों की सूचना मिली थी। जानकारी के मुताबिक टिक्स के काटने से फैलने वाले इस वायरस से होने वाली बीमारी को लेकर सभी स्वास्थ्य अधिकारी सचेत कर रहे हैं। द इंडिपेंडेंट के अनुसार, अमेरिका में हर साल इससे 25 लोग संक्रमित होते हैं, जिसमें हालिया मौत 2015 के बाद से POW से संबंधित ये तीसरा मामला है। यहां जानें इस खतरनाक वायरस के लक्षण, कारण और उपचार।
Powassan Virus Cause: पोवासन वायरस के कारण
ज्यादातर मामले उत्तर-पूर्व और ग्रेट लेक्स क्षेत्रों के हैं। यहां वसंत से लेकर मिड फॉल तक का समय ऐसा होता है जब टिक सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, पोवासन वायरस एक संक्रमित टिक जैसे हिरण की टिक, ग्राउंडहॉग टिक या गिलहरी की टिक के काटने से फैलता है।
Powassan Virus Diagnosis: पोवासन वायरस का निदान
अब जैसे ही कोई अगर इस घातक वायरस से संक्रमित होता है तो सबसे पहले इसका पता लगाना है। ऐसे में बीमार व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना है। संकेतों और लक्षणों के आधार पर ब्लड और स्पाइनल फ्लूइड से टेस्ट कराकर अपनी स्थिति का पता लगाना है।
Powassan virus Symptoms: पोवासन वायरस के लक्षण
Powassan Virus Treatment: पोवासन वायरस का उपचार
आपको बताते चलें कि पोवासन वायरस से संक्रमण लोगों के इलाज के लिए फिलहाल कोई विशिष्ट दवा नहीं है। ऐसे में लक्षणों से राहत के लिए इस स्थिति में डॉक्टर ओटीसी दवाएं लिखते हैं।