Psychological Stress: शरीर को तिल-तिल मारता है मानसिक तनाव, जानें इसके लक्षण और इलाज

Published : Apr 14, 2023, 02:37 PM ISTUpdated : Apr 14, 2023, 02:39 PM IST
Stress

सार

तनाव कई बीमारियों को दावत देता है। डायबिटीज, स्ट्रोक, ब्लडप्रेशर , दिल की बीमारी और किडनी से जुड़ी बीमारियों को जन्म देता है। इसलिए तनाव के लक्षण पहचानना और वक्त पर इसका इलाज करना बहुत जरूरी है

हेल्थ डेस्क. मानसिक तनाव (psychological stress ke lakshan) कई वजहों से हो सकता है। इतना ही नहीं आज के दौर में हर इंसान किसी ना किसी वजह से तनाव का सामना कर रहा है। लेकिन किसी के लिए ये ज्यादा होता है तो किसी के लिए कम। जिंदगी में थोड़ा बहुत तनाव सामान्य है। लेकिन जब यह बढ़ जाता है तो फिर कई बीमारियों को शरीर में न्यौता देता है।

तनाव क्या है

तनाव सामान्य मानवीय प्रतिक्रिया है। जो हर इंसान के साथ होता है। मानव शरीर की बनावट ऐसी है कि वो स्ट्रेस को अनुभव करता है और फिर रिएक्शन देता है। जब आप किसी तरह के परिवर्तन या फिर चुनौतियों का सामना करते हैं तो आपका शरीर और दिमाग दोनों प्रतिक्रिआएं करता है। जिसे तनाव कहा जाता है। यह नई परिस्थितियों और चुनौतियों से सामंजस्य बिठाने में मदद करती है। कई परिस्थितियों में तो यह पॉजिटिव होता है। लेकिन जब आप जरूरत से ज्यादा तनाव लेने लगते हैं तो यह सेहत के लिए खतरनाक हो जाता है।

तनाव में क्या होता है बॉडी के साथ

शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम हार्ट रेट, सांस और नजर में बदलाव को कंट्रोल करता है। यहीं ऑटोनॉमि नर्वस सिस्टम तनाव को नियंत्रित करने वाली प्रतिक्रिया शरीर को तनावपूर्ण स्थितियों को सामना करने में मदद करती है। जब तनाव पुराना होता है तो शरीर के अंदर टूट-फूट होती है। जो शारीरिक, इमोशन और हमारे व्यवहार में दिखता है।

सौ बीमारियों की जड़ तनाव

कहते हैं चिंता चिता के समान होता है। लंबे वक्त तक अगर आप तनाव से पीड़ित होते हैं तो ये मानसिक नहीं बल्कि ढेर सारी शारीरिक परेशानियों का कारण बन जाता है। कई वैज्ञानिक अनुसंधानों ने सचेत किया है कि तनाव सीधे या घुमा-फिराकर हृदय रोग, ब्रेन स्ट्रोक, डायबिटीज, कैंसर, फेफड़े की बीमारियों, लीवर सिरोसिस और बांझपन, मोटापे जैसी बीमारियों को देता है। इतना ही नहीं आत्महत्या की ओर ले जाने वाले अवसाद का कारण बन रहा है। लोग तनाव को तब तक खतरनाक नहीं मानते हैं जब तक कि यह घातक बीमारियों के रूप में सामने नहीं आता है।

तनाव के प्रकार

तनाव दो प्रकार के होते हैं। यूस्ट्रेस (सकारात्मक तनाव ) तथा डिस्ट्रेस (नकारात्मक तनाव)।

मानसिक टेंशन के लक्षण

दर्द और चुभन

सीने में दर्द या या धड़कन का बढ़ना

सोने में बेचैनी महसूस करना।

थकान, सिरदर्द और चक्कर आना

हाई ब्लड प्रेशर

मांसपेशियों में तनाव या जबड़े का अकड़ना

सेक्स करने में दिक्कत होना

पेट और पाचन संबंधी समस्याएं होना

प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना

तनाव के इमोशनल लक्षण

घबराहट और चिड़चिड़ापन

पैनिक अटैक

डिप्रेशन

उदासी रहना

तनाव का क्या है इलाज

*दिमाग को सकारात्मक सोच में लगाएं

*कोई वैकल्पिक इलाज पद्धति आजमाएं जैसे-क्रिस्टल और फ्लावर थेरेपी जैसी पद्धतियां तनाव को कम करने में मदद करती है। यह शरीर के नकारात्मक विचार और ऊर्जा को घटाकर पॉजिटिव एनर्जी की सप्लाई करती है।

*हंसने और खुश रहने के बहाने खोजें-अध्ययनों से पता चला है कि हंसने से तनाव पैदा करने वाले हॉर्मोन का स्राव कम होता है। सेहत पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है।

*योगा करें-ध्यान करने और सांस को नियंत्रित करने से तनाव का एहसास कम हो जाता है।

दोस्त बनाए और उनके साथ वक्त गुजारें-तनाव दूर करने के लिए अच्छे दोस्त खोजे और उनसे अपनी चिंता बताएं। कहते हैं साझा करने से तनाव कम होता है।

*अपनी खुशी का काम करें- तनाव से दूर रहने के लिए अपने पसंद का काम करें। इससे आप शरीर में तनाव के हॉर्मोन संतुलित हो जाते हैं।

डॉक्टर से कब मिलें

जब आपको लगता है कि आप खुद को नुकसान पहुंचाने की सोच रहे हैं। या फिर शराब-सिगरेट के प्रति आकर्षित हो रहे हैं तो फिर डॉक्टर से मिलना बेहतर होता है। डॉक्टर आपको सलाह देने के साथ ही थैरेपी लेने के लिए भी बोल सकता है।

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