क्या होती है रिमोट मॉनिटरिंग, जिससे बार-बार अस्पताल में नहीं होना होगा भर्ती और मरीजों की लाइफ होगी बेहतर

Remote pulmonary artery pressure monitoring: हाल ही में नीदरलैंड में हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि रिमोट पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर मॉनिटरिंग ना सिर्फ हार्ट फैलियर हॉस्पिटलाइजेशन को कम करती है, बल्कि आपकी जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारती है।

 

हेल्थ डेस्क: हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी समस्याएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। सिर्फ बड़ी उम्र के लोग ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे उम्र के बच्चे भी इस गंभीर समस्या से परेशान हो रहे हैं। जिसे लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक भी चिंतित है और इस पर आए दिन रिसर्च कर रहे हैं। हाल ही में एक ऐसी रिसर्च सामने आई है, जिसमें खुलासा किया गया है कि रिमोट मॉनिटरिंग ना सिर्फ पुरानी दिल की बीमारी वाले मरीजों के हॉस्पिटल में भर्ती होने के खतरे को कम करता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। आइए आपको बताते हैं इस रिसर्च के बारे में...

कहां हुई रिसर्च

Latest Videos

यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजिस्ट के एक वैज्ञानिक ने हार्ट फेल्योर 2023 में साइंस सेशन के दौरान इस रिपोर्ट को द लांसेट में प्रकाशित किया। नीदरलैंड में हुई इस रिसर्च में 25 सेंटर के 348 रोगियों को चुना गया। इसमें 69 साल के औसत आयु की 25% महिलाएं और 75% पुरुष थे। रिसर्च में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की सामान्य देखभाल और रिमोट पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर मॉनिटरिंग निगरानी की गई। जिसका सभी मरीजों ने कम से कम 12 महीने तक पालन किया। फॉलोअप की औसत अवधि 18 महीने और अधिकतम 48 महीने थी। 12 महीने बाद कैनसस सिटी कार्डियोमायोपैथी प्रश्नावली (KCCQ) से पता चला कि इससे जीवन की गुणवत्ता में बदलाव आया।

कैसे की गई मरीजों की रिमोट मॉनिटरिंग 

इस रिसर्च में मरीजों में femoral vein के जरिए पल्मोनरी आर्टरी में एक छोटा, वायरलेस, बैटरी लेस सेंसर ट्रांसप्लांट किया गया था। इससे हर सुबह लगभग 18 सेकंड के लिए दबाव मापा गया और रीडिंग को एक सुरक्षित वेबसाइट पर भेज दिया गया। एक्सपर्ट्स ने डेटा का उपयोग किया और हर मरीज के लिए एक टारगेट बनाया, जिसने दवा उपचार की समीक्षा करने के लिए जरूरी संकेत दिए।

क्या होती है रिमोट पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर मॉनिटरिंग

रिमोट पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर मॉनिटरिंग दूर से पल्मोनरी आर्टरी में प्रेशर मॉनिटर करने का एक तरीका है। इसमें इम्प्लांटेबल डिवाइस या बाहरी सेंसर का उपयोग शामिल है जो मॉनिटरिंग सिस्टम को वायरलेस तरीके से डेटा ट्रांसफर कर सकता है। यह एक्सपर्ट्स को पल्मोनरी आर्टरी ब्लड प्रेशर या हार्ट फेल्योर जैसी स्थितियों वाले रोगियों के पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर की दूर से निगरानी करने की अनुमति देता है।

कुल मिलाकर, रिमोट पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर मॉनिटरिंग रीयल-टाइम डेटा के आधार पर दूर से निगरानी करने की सुविधा देता है, जिससे क्लिनिक में बार-बार आने या अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता कम हो जाती है।

और पढ़ें- Health alert: डस्ट स्टॉर्म से सेहत को हो सकते हैं ये गंभीर नुकसान, इस तरह करें बचाव

Share this article
click me!

Latest Videos

43 साल बाद कुवैत पहुंचे भारतीय पीएम, जमकर लगे मोदी-मोदी के नारे
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
जयपुर हादसे में सबसे बड़ा खुलासा: सच हिलाकर रख देगा, पुलिस भी हो गई शॉक्ड
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
चुनाव से पहले केजरीवाल ने खेला दलित कार्ड, लॉन्च की अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना