
टीवी और बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के अचानक निधन की खबर ने सभी को चौंका दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 42 वर्षीय शेफाली का निधन cardiac arrest की वजह से हुआ। उन्हें उनके पति तुरंत अस्पताल लेकर गए लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए मुंबई के कूपर अस्पताल भेजा गया। शेफाली जरीवाला जैसी फिट दिखने वाली सेलेब्रिटीज का अचानक cardiac arrest से निधन यह दिखाता है कि ये सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं है। स्ट्रेस, लाइफस्टाइल, जेनेटिक्स और हार्ट हेल्थ को नजरअंदाज करना किसी के लिए भी घातक हो सकता है। इस घटना के बाद एक बार फिर लोग जानना चाहते हैं कि cardiac arrest क्या होता है, इसके लक्षण क्या हैं और ये heart attack से कैसे अलग है?
Cardiac arrest एक मेडिकल इमरजेंसी कंडीशन है जिसमें दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है या इतनी तेजी से धड़कता है कि वह खून पंप करना बंद कर देता है। इसके लक्षण की बात करें तो व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिर जाता है। सांस लेना बंद हो सकता है या पल्स महसूस नहीं होती। डॉक्टर्स इसे Sudden Cardiac Arrest (SCA) भी कहते हैं क्योंकि इसके लक्षण बिना किसी चेतावनी के शुरू होते हैं। इसमें तुरंत इलाज ना मिले तो यह जानलेवा साबित होती है।
कार्डियक अरेस्ट के दौरान दिल खून पंप करना बंद कर देता है, जिसके कारण दिमाग और शरीर के दूसरे अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती है। जिससे कुछ ही मिनटों में brain damage हो सकता है। ऐसे में Immediate CPR और Defibrillation ना मिले तो व्यक्ति की मौत हो जाती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 95% cardiac arrest जानलेवा होते हैं।
हार्ट अटैक (myocardial infarction) तब होता है जब दिल तक खून का फ्लो रुक जाता है। इसका कारण आर्टरी में plaque build-up या blood clot होता है, जिससे हार्ट की मसल्स को ऑक्सीजन नहीं मिलती और वो डैमेज होने लगती हैं। इसके लक्षण छाती में दर्द या दबाव, सांस फूलना, पसीना आना, जी मिचलाना और दर्द का कंधे है।
Cardiac arrest अक्सर बिना किसी चेतावनी के होता है, लेकिन कुछ लोग पहले से इन लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं।
हार्ट अटैक तब होता है जब दिल तक खून का फ्लो रुक जाता है, यानी आर्टरी में ब्लॉकेज की वजह से दिल की मसल्स तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। ऐसे में दिल की धड़कन चलती रहती है, लेकिन व्यक्ति को छाती में दर्द, सांस फूलना, पसीना आना और घबराहट जैसे लक्षण धीरे-धीरे महसूस होते हैं। दूसरी तरफ, कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन अचानक पूरी तरह से बंद हो जाती है। यह एक इलेक्ट्रिकल मालफंक्शन के कारण होता है, जिसमें व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिर जाता है और उसकी सांस भी रुक जाती है। हार्ट अटैक में तुरंत हॉस्पिटल ट्रीटमेंट जरूरी होता है ताकि ब्लड फ्लो को फिर से शुरू किया जा सके, जबकि कार्डियक अरेस्ट में तुरंत CPR और Defibrillation देना जरूरी होता है, ताकि दिल की धड़कन फिर से शुरू हो सके। सबसे जरूरी बात यह है कि हार्ट अटैक के बाद कार्डियक अरेस्ट होने का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन हर हार्ट अटैक का मतलब कार्डियक अरेस्ट नहीं होता। दोनों अलग मेडिकल इमरजेंसी हैं जिनका समय पर सही इलाज जान बचा सकता है।