बेटी के पीरियड्स शुरू होने से पहले मां को मिलने लगते हैं ये 3 संकेत, लाडली को दिखाएं सही रास्ता
हेल्थ डेस्क. पीरियड्स से हर लड़की को गुजरना होता है। जब लड़की को पहली बार पीरियड आता है तो उसे काफी शर्मिंदगी महसूस होती है।क्योंकि उसे पता नहीं होता है कि ये क्या है। लेकिन जब मां का साथ उसे मिल जाए तो फिर वो अपने अंदर हो रहे परिवर्तन को समझती है।
Nitu Kumari | Published : Jun 12, 2023 1:50 PM IST / Updated: Jun 12 2023, 07:23 PM IST
बेटी को उसके पहले पीरियड के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने की जिम्मेदारी मां की होती है। लेकिन यह जानना मुश्किल है कि उसका मासिक चक्र कब शुरू होगा। ताकि वो अपनी लाडली से इसके बारे में बात कर सकें। तो चलिए बताते हैं पीरियड्स (period) आने के पहले लड़कियों में कुछ संकेत नजर आन लगते हैं। जिसे सही वक्त समझकर मां को उनसे बात करने की जरूरत होती है।
ब्रेस्ट बड्स का डेवलपमेंट
प्यूबर्टी में आने के बाद लड़कियोंके ब्रेस्ट बड्स का विकास होने लगता है। 11 से 12 साल की लड़कियों में यह परिवर्तन शुरू हो जाता है। इस दौरान एक मां को अपनी बेटी से बात करना चाहिए और शरीर में हो रहे परिवर्तन के बारे में बताना चाहिए। उसे ना सिर्फ स्तन में हो रहे बदलाव, बल्कि आने वाले एक दो साल में पीरियड से गुजरना होगा। इसके बारे में भी उसे तैयार करना चाहिए।
शरीर में आने लगता है बाल
पीरियड आने से पहले लड़कियों के अंदर आर्म्स और प्राइवेट पार्ट में हेयर ग्रोथ शुरू हो जाती है। प्यूबिक हेयर भी पीरियड्स का साइन हैं। मां को बिना किसी शर्म के बेटी पीरियड के लिए तैयार करना चाहिए। उसे मानसिक रूप से मजबूत करने की जिम्मेदारी उसकी होती है।
वजाइनल डिस्चार्ज
पीरियड आने से पहले लड़कियों में वजाइन डिस्चार्ज होता है। बेटी के पैंटी को देखकर मां अंदाजा लगा सकती है। इस समय अपनी बेटी को समझाएं कि अब बस कुछ ही महीनों में उसे पीरियड्स शुरू होने वाले हैं।
मां बेटी से करें बात
पहली बार पीरिडय आने पर लड़कियां डर जाती है। खून और पेट में दर्द की वजह उनको मानसिक उलझन होने लगती है। ऐसे में मां को उसे बात करना चाहिए।उन्हें हर महीने इसके लिए तैयार रहने के लिए बताना होगा।
बेटी को बताएं हाइजीन का महत्व
मां ही अपनी बेटी को बता सकती है कि पैड कैसे लगाना है। इसे कैसे रैप करके फेंकना है। बार-बार हाथ धोना और प्राइवेट पार्ट की हाइजीन का ख्याल रखना है। हर मुद्दे पर खुलकर उसे बात करनी चाहिए।
बेटी के डाइट का रखें ख्याल
इन दिनों बेटी की डाइट का ख्याल भी रखना मां की जिम्मेदारी होती है। उसके खाने में आयरन और फोलिक एसिड की मात्रा को सुनिश्चित करना चाहिए। ताकि उसके हार्मोनल संतुलन बना रहें।