
योग अब सिर्फ लचीलापन बढ़ाने या वजन घटाने का साधन नहीं रहा है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जब तनाव, अनिद्रा, पीठ दर्द, हाई बीपी और मेंटल डिसऑर्डर जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं तब एक नया और गहराई वाला योग सिस्टम थेरेप्यूटिक योग तेजी से उभर रहा है। इस योग की खासियत ये है कि ये किसी भी एक बीमारी, दर्द या असंतुलन को केंद्र में रखकर उसकी जड़ तक पहुंचता है और उसे प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करता है। भारत ही नहीं, अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में भी ये तेजी से पॉपुलर हो रहा है।
थेरेप्यूटिक योग (Therapeutic Yoga) एक ऐसा व्यक्तिगत और विशिष्ट योग उपचार है जिसमें किसी विशेष रोग या असंतुलन को ठीक करने के लिए चुने गए आसनों, प्राणायाम, ध्यान और बंधों का उपयोग होता है। यह कोई जनरल योग क्लास नहीं होती, बल्कि इसमें योग प्रशिक्षक व्यक्ति के मेडिकल कंडीशन, उम्र, जीवनशैली और शरीर की सीमा को ध्यान में रखते हुए एक विशेष थेरैपी-आधारित योग योजना बनाता है।
नैचुरल चिकित्सा की ओर रुझान: लोग अब दवाओं से ज्यादा सस्टेनेबल और नेचुरल हीलिंग की तलाश में हैं।
साइंटिफिक स्टडीज का सपोर्ट: आयुर्वेद और एलोपैथी डॉक्टर्स भी थेरेप्यूटिक योग को एक पूरक चिकित्सा पद्धति मानने लगे हैं।
पर्सनलाइजेशन की मांग: लोग अब अपनी हेल्थ प्रोब्लम्स के अनुसार कस्टम योगा प्लान चाहते हैं।
इमोशनल और मेंटल हेल्थ पर असर: मानसिक स्वास्थ्य पर थेरेप्यूटिक योग का असर सामान्य योग से कहीं ज़्यादा गहरा और स्थायी होता है।
हेल्थ मूल्यांकन: आपकी मेडिकल हिस्ट्री, जीवनशैली और समस्या की गहराई जानी जाती है।
प्रोग्राम डिजाइन: प्रशिक्षित थेरेपिस्ट आपकी समस्या के अनुरूप योगासनों, प्राणायाम और ध्यान तकनीकों का चयन करता है।
धीरे-धीरे प्रैक्टिस: आपकी सहनशक्ति के अनुसार प्रैक्टिस कराई जाती है — बिना थकान या जबरदस्ती के।
रोजाना ट्रैकिंग और मॉडिफिकेशन: आपकी रिकवरी के अनुसार योग शेड्यूल में बदलाव किए जाते हैं। माइंडफुलनेस और मोटिवेशनल काउंसलिंग भी इसमें जुड़ी होती है।