अगर आप भी पीते हैं बोतलबंद पानी, तो हो जाएं सावधान! UN की रिपोर्ट ने किया चौंकाने वाला खुलासा, आने वाली पीढ़ी पर बड़ा खतरा

हेल्थ डेस्क : अगर आप भी प्लास्टिक की बोतलों में बंद पानी पीते हैं और सोचते हैं कि यह हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है, तो यूएन की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। हम आपको बताते हैं इस रिपोर्ट के बारे में और इससे हमारी आने वाली पीढ़ी को क्या खतरा है.

Deepali Virk | Published : Mar 23, 2023 3:45 AM IST
16

क्या कहती है यूएन की रिपोर्ट

जल संकट को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने जल सम्मेलन से ठीक पहले बुधवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की। जिसमें बोतलबंद पानी को खतरे की घंटी बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पानी के अत्यधिक उपयोग से दुनिया तेजी से सूख रही है और लगभग 26% आबादी साफ पानी की कमी से जूझ रही है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अगर हम अभी जल संरक्षण के लिए कदम नहीं उठाते तो करीब 40 से 50% तक की आबादी स्वच्छता तक नहीं पहुंच पाएगी और 20 से 25% लोगों को सुरक्षित जल की आपूर्ति भी नहीं हो पाएगी।

26

हर साल बर्बाद हो रहा इतना पानी

यूनाइटेड नेशन इंस्टीट्यूट फॉर वाटर, एनवायरनमेंट एंड हेल्थ के मुताबिक, बोतलबंद पानी को बनाने के लिए हर साल लगभग 350 बिलियन लीटर (350000000000000 मिलीलीटर) पानी की खपत होती है और इससे कंपनियां 270 बिलियन डॉलर यानी कि लगभग 22 लाख करोड़ रुपए की कमाई करती है। इससे उन्हें तो फायदा हो रहा है, लेकिन जो लोग बोतलबंद पानी अफोर्ड नहीं कर पाते और दूषित पानी पीने को मजबूर है उनके लिए यह टेंशन बढ़ाने वाली बात है।

36

हर मिनट यूज हो रही इतनी प्लास्टिक बॉटल

इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में हर मिनट में करीब 10 लाख प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी डिमांड जितनी बड़ी है कि इसकी सप्लाई भी उतनी ही बढ़ती जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि बोतलबंद पानी की डिमांड इतनी क्यों है? तो आपको बता दें कि पूरी दुनिया में इस्तेमाल होने वाले बोतलबंद पानी का आधा हिस्सा अकेले यूएस, चाइना और इंडोनेशिया से आता है। दुनिया भर के लोगों का मानना है कि नल की तुलना में बोतलबंद पानी का इस्तेमाल ज्यादा सुरक्षित होता है।

46

40 देशों में मानकों पर खरा नहीं उतरा बोतलबंद पानी

यूएन की रिपोर्ट बताती है कि बोतलबंद पानी 40 से ज्यादा देशों में मानक स्तर के नीचे पाया गया। दुनिया भर में मौजूद कई वॉटर बॉटल ब्रांड में दूषित पदार्थ पाए गए हैं। कई बार इनकी मात्रा बहुत ज्यादा पाई गई है। डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के मुताबिक बोतल बंद पानी की कंपनियां भी ग्राउंड वाटर का ही इस्तेमाल करती है, जिससे आम लोग अपनी पानी की आपूर्ति पूरी करते हैं और इसका इतना ज्यादा इस्तेमाल होता है कि आम लोगों के पास पानी की आपूर्ति पूरी नहीं हो पाती। जैसे- अमेरिका में नेस्ले कंपनी फ्लोरिडा स्प्रिंग से रोजाना 3 मिलियन लीटर पानी निकालती है।

56

पर्यावरण के लिए नुकसानदायक  

यह तो हम सभी जानते हैं कि शुद्ध जल के नाम पर प्लास्टिक की बोतलों में पानी भरा जाता है और यह प्लास्टिक की बोतलें हमारे पर्यावरण के लिए कितनी ज्यादा हानिकारक है। रिपोर्ट के अनुसार हर साल 60 हजार करोड़ प्लास्टिक की बोतलें बनाई जाती है, जिसे लगभग 250 लाख टन प्लास्टिक वेस्ट निकलता है, जो हवा, पानी, मिट्टी और मानव के लिए भी हानिकारक है।

66

ऐसे सभी को मिल सकता है स्वच्छ पानी

इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पूरी दुनिया में 200 करोड़ लोग ऐसे हैं जो अशुद्ध पानी पीने को मजबूर है। रिपोर्ट के अनुसार, जितना पैसा बोतलबंद पानी के प्रोडक्शन में लगाया जाता है। उससे आधा पैसा भी अगर पूरी दुनिया में स्वच्छ पानी की सप्लाई के लिए लगाया जाए तो सालों तक करोड़ों लोगों शुद्ध पानी पीने के लिए मिल सकता है। ये बोतलबंद पानी नल के पानी से डेढ़ सौ से 1000 गुना महंगा होता है।

और पढ़ें- कोरोना के बाद दुनिया रहने लायक नहीं...मां ने पति और बच्चों को मरने के लिए किया राजी, फिर जो हुआ वो दहला देगा

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos