सार
कोरोना ने पूरी दुनिया की तस्वीर बदल कर रख दीं। इस किलर वायरस ने लोगों के दिमाग पर भी काफी असर किया। जिसकी वजह से लोग इस दुनिया को रहने लायक नहीं मान रहे हैं। एक महिला तो अपने पूरी फैमिली को मरने पर राजी कर लिया।
रिलेशनशिप डेस्क. कोरोना और यूक्रेन वॉर ने लोगों के मन में दहशत भर दी है। कई लोगों को लगने लगा है कि ये दुनिया अब पहले जैसी नहीं हैं। इसी में एक नाम 41 साल के नसरीन फेरौन की भी है। जो अब इस दुनिया में नहीं है। मेंटल स्थिति उसकी इतनी खराब हो चुकी थी कि उसने अपने पूरे परिवार को मरने के लिए राजी कर लिया। चलिए पूरी स्टोरी बताते हैं।
घर में रहते थे 5 सदस्य
स्विटज़रलैंड में टूरिस्ट हॉटस्पॉट मॉन्ट्रो अपार्टमेंट में एक फैमिली रहती थी। नसरीन फेरौन (Nasrine Feraoun), उनके पति एरिक डेविड, 8 साल की बेटी और 15 साल का बेटा और फेरौन की जुड़वा बहन नरजिस भी साथ रहते थे। कोरोना के बाद से फैमिली घर के अंदर बंद थी।
दुनिया को खराब बता सबने कर ली सुसाइड
नसरीन फेरौन ने अपने फैमिली को इस बात के लिए राजी कर लिया कि ये दुनिया कोरोना और यूक्रेन वॉर के कारण रहने लायक नहीं है। उसने सबको मना लिया कि वो सभी सातवीं मंजिल के अपार्टमेंट से कूदकर जान दे देंगे। 24 मार्च 2022 को पूरी फैमिली कूदकर अपनी जान दे दी। हालांकि 15 साल का बच्चा बच गया। वो कोमा में चला गया। जहां उसकी रिकवरी हो रही है। हालांकि उसे उस दिन की कोई भी बात याद नहीं है।
केस को अब किया जाएगा बंद
फोरेंसिक टेस्ट में यह साफ हो गया कि ये सामूहिक आत्महत्या है। क्योंकि मौत से पहले किसी तरह के संघर्ष के निशान नहीं मिले थे। इतना नहीं ऑटोप्सी में ड्रग्स का भी कोई निशान नहीं दिखा।स्विस अधिकारियों ने कहा कि परिवार की मां अपनी बहन के साथ जीवन को खत्म करने की साजिश रची थी। मॉन्ट्रियक्स में पुलिस ने कहा कि इस घटना के चार सदस्यों की जान चली गई। घटना को एक साल हो गए हैं और अब इस केस को बंद कर दिया जाएगा।
घर से बहुत कम निकलती थी फैमिली
बताया जा रहा है कि पूरा परिवार दुनिया से कटा हुआ था। बच्चे घर पर ही पढ़ते थे। माता-पिता शायद ही कभी बाहर जाते थे। कहा जाता है कि नसरीन और नरजिससे को सरकार और स्थानीय अधिकारियों पर शक था। उन्होंने लगता था कि दुनिया एक शत्रुतापूर्ण जगह थी, कोरोना महामारी और यूक्रेन वॉर ने उनके विचारों को और मजबूत कर दिया।
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