इन 5 संकेतों को न करें नजरअंदाज, नवजात में मलेरिया की दस्तक हो सकती है जानलेवा!

Published : Apr 25, 2025, 02:11 PM IST

नवजात शिशुओं में मलेरिया के लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है। कमजोरी, सांस फूलना, उल्टी, बुखार और पीलिया जैसे लक्षणों पर ध्यान दें। मच्छरदानी और साफ-सफाई से बचाव करें।

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हर साल 25 अप्रैल को विश्व स्तर पर लोगों को मलेरिया बीमारी से जागरूक करने के लिए विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। बड़े बच्चे और वयस्कों में मलेरिया की पहचान आसान है, लेकिन नवजात या फिर साल-दो साल के बच्चों में इसकी पहचान मुश्किल और गंभीर है। ऐसे में आज हम आपके साथ नवजात एवं छोटे बच्चों में मलेरिया के कुछ लक्षण बताएंगे, जो उन्हें इस गंभीर बीमारी से बचा सकती है।

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कमजोरी, सुस्ती या दूध पीने में अनिच्छा

  • अगर बच्चा दूध पीने से मुंह मोड़ने लगे, हर समय सुस्त और नींद में दिखे, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
  • मलेरिया शरीर को थका देता है, और शिशु की एनर्जी बहुत तेजी से गिरती है।
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तेजी से सांस लेना या सांस फूलना

  • मलेरिया जब गंभीर रूप लेता है, तो बच्चे की सांस तेज चलने लगती है, कभी-कभी हांफने जैसी स्थिति भी हो जाती है।
  • यह इस बात का संकेत है कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही है या बुखार/इंफेक्शन शरीर को जकड़ रहा है।
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बार-बार उल्टी या दस्त

  • मलेरिया की वजह से नवजात को पेट खराब, बार-बार उल्टी या लूज मोशन हो सकते हैं।
  • यह लक्षण डिहाइड्रेशन की ओर भी इशारा करते हैं, जो मलेरिया के साथ और ज्यादा खतरनाक हो जाता है।
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लगातार बुखार या अचानक शरीर गर्म होना

  • नवजात अगर बार-बार बुखार में आता है या शरीर सामान्य से ज्यादा गर्म लगता है, तो यह मलेरिया का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
  • कई बार यह बुखार हर तीसरे दिन चढ़ता और उतरता है, लेकिन शिशुओं में यह पैटर्न साफ नहीं होता।
  • नोट करें: नवजात में 100°F से ऊपर का तापमान गंभीर माना जाता है।
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त्वचा या आंखों में पीलापन (पीलिया जैसा लक्षण)

  • मलेरिया में रेड ब्लड सेल्स नष्ट होने लगते हैं, जिससे शरीर में पीलापन (jaundice) आ सकता है।
  • नवजात की आंखों की सफेदी और त्वचा अगर पीली दिखने लगे, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

नवजात को मलेरिया से बचाने के उपाय:

  • घर के आसपास पानी जमा न होने दें
  • मच्छरदानी का इस्तेमाल करें (खासकर रात को)
  • कमरे में मच्छर भगाने वाली दवा या लिक्विड लगाएं
  • नवजात को बाहर खुले में ज्यादा देर न रखें, खासकर शाम के वक्त

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