
World population day importance: हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। दुनिया की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है और 2025 तक आबादी बढ़कर 8.23 अरब की संख्या को पार करने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र ने 1989 में विश्व जनसंख्या की स्थापना की थी। विश्व बैंक के वरिष्ठ जनसांख्यिकीविद् डॉ. के.सी. जकारिया ने वर्ल्ड पॉपुलेशन डे का प्रस्ताव रखा था। जानिए आखिर क्यों विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है और इस साल क्या थीम रखी गई है।
विश्व जनसंख्या दिवस 2025 की थीम युवा लोगों को एक निष्पक्ष और आशापूर्ण विश्व में अपनी मनचाही फैमिली बनाने के लिए सशक्त बनाना ("Empowering young people to create the families they want in a fair and hopeful world") है। भले ही दुनिया की आबादी तेजी से बढ़ी हो लेकिन परिवार तेजी से बिखर रहे हैं। ऐसे में इस साल की थीम को सेलिब्रेट करना युवाओं के लिए बेहद जरूरी है।
तेजी से जनसंख्या बढ़ने के कारण किसी भी देश में गहरा असर पड़ता है। बढ़ती जनसंख्या की चुनौती से निपटने के लिए देश की सरकार को तरह-तरह की योजनाएं बनानी पड़ती है। विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व जनसंख्या वृद्धि के कारण संसाधनों और पर्यावरण पर पड़ रहे प्रभावों की जानकारी लोगों को देना है।
भारत की जनसंख्या विश्व में सबसे अधिक है। भारत एक विकासशील देश है जिसे विकसित देश बनने में समय लग सकता है। भारत की आबादी 1.46 अरब के करीब है। ऐसे में भारत के लिए विश्व जनसंख्या दिवस के महत्व को समझने की अधिक आवश्यकता है। भारत में अशिक्षित लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी न होने के कारण बड़े परिवार की जिम्मेदारी और गरीबी झेलनी पड़ती है। साथ ही प्रजनन स्वास्थ्य की कम जानकारी मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती है। इस दिन का महत्व लोगों को प्रजनन स्वास्थ्य और परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में अधिक जानकारी मुहैया कराना और लोगों का ध्यान इसके प्रति केंद्रित कराना है। ऐसा करने से लोग परिवार को नियोजित रख पाएंगे और परिवार की ठीक प्रकार से देखभाल करने में सक्षम होंगे