कहीं बच्चे तो नहीं हो रहे तनाव के शिकार, ये 5 टिप्स होंगे कारगर

कोरोना महामारी के इस दौर में बड़े तो क्या, छोटे बच्चे भी तनाव के शिकार होने लगे हैं। बच्चों पर तनाव और चिंता का बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इससे उन्हें बचाने के लिए पेरेन्ट्स को खास उपाय करने की जरूरत पड़ेगी।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 13, 2020 12:29 PM IST / Updated: Sep 14 2020, 11:22 AM IST

लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना महामारी के इस दौर में बड़े तो क्या, छोटे बच्चे भी तनाव के शिकार होने लगे हैं। दरअसल, लंबे समय से बच्चे घरों में बंद हैं। स्कूल तो छूट ही गया, वे गली-मुहल्ले के साथियों से भी दूर हो गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के रूल को फॉलो करने के चक्कर में वे अकेले पड़ते जा रहे हैं। इसका उनके कोमल दिलो-दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है और वे तनाव के शिकार हो रहे हैं। बच्चे तनाव और चिंता का शिकार होने पर गुमसुम रहने लगते हैं। उनके व्यवहार में भी बदलाव दिखने लगता है। ने न तो ढंग से खा-पी पाते हैं और न ही उन्हें ठीक से नींद आती है। इसका उनके हेल्थ पर बहुत ही खराब असर पड़ सकता है। इससे उन्हें बचाने के लिए पेरेन्ट्स को खास उपाय करने की जरूरत पड़ेगी। 

1. बच्चों से बातें करें
पेरेन्ट्स के लिए जरूरी है कि वे बच्चों से बातें करें। बच्चों को समय देना जरूरी है। जब आप बच्चों से बातें करेंगे तो वे अपने मन की बात बता सकते हैं। इससे उनके दिल का बोझ हल्का हो सकता है। जब पेरेन्ट्स बच्चों से बातें करते हैं, तो वे खुशी महसूस करते हैं।

2. क्रिएटिव एक्टिविटीज में लगाएं
हर बच्चे में कोई न कोई खास प्रतिभा होती है। कुछ बच्चे चित्र बनाने के शौकीन होते हैं, तो कुछ किसी खास खेल या गीत वगैरह गाने में रुचि लेते हैं। उनके इंटरेस्ट को देखते हुए बच्चों को क्रिएटिव एक्टिविटीज के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे उनका मन लगा रहता है।

3. बच्चों को किस्से-कहानियां सुनाएं
बच्चे किस्से-कहानियां सुनना काफी पसंद करते हैं। इससे उन्हें जहां कई तरह की जानकारी मिलती है, वहीं उनकी कल्पना शक्ति का विकास होता है। आप बच्चों को किसी किताब से कहानी पढ़ कर सुना सकते हैं। बच्चों को भी कह सकते हैं कि वे कुछ पढ़ कर सुनाएं। इससे उनकी लैंग्वेज की समझ भी बढ़ती है।

4. ध्यान करने और प्रार्थना की आदत डालें
ध्यान और प्रार्थना करने से भी मन को बहुत शांति मिलती है। इससे एकाग्रता बढ़ती है और सीखने की क्षमता में विकास होता है। सुबह का समय इसके लिए सबसे अच्छा होता है। अगर आपके पास समय हो तो खुद भी बच्चों के साथ ध्यान और प्रार्थना करने के लिए बैठें।

5. खान-पान का रखें खास ख्याल
जब बच्चे तनाव और चिंता में रहते हैं, तो ठीक से खाना नहीं खा पाते। अगर वे समय पर खाना नहीं खाते हैं, तो कमजोर हो जाएंगे। बच्चों को सही पोषण की जरूरत होती है। इसलिए उन्हें हेल्दी डाइट दें। फास्ट फूड और बाजार की चीजें खाने को मत दें। उनके खाने-पीने का समय तय रखें। बच्चों को समय पर मौसमी फल दें। उन्हें दूध और दूसरी पौष्टिक चीजें भी खाने को दें। 
 

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