परंपरा के नाम पर यहां सुई से छेंद देते हैं शरीर, फिर उसके ऊपर नाचते हैं लोग

हमने कई अजब गजब परंपराओं के बारे में सुना और देखा होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी परंपरा के बारे में बताते हैं जहां लोग बीमारी को दूर करने के लिए अपने शरीर को ही छेद देते है और इसमें नाड़े को पिरो देते हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 15, 2022 5:27 AM IST / Updated: Aug 15 2022, 04:25 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क : किसी भी बीमारी से बचने के लिए या उसका इलाज कराने के लिए हम डॉक्टर के पास जाते हैं। लेकिन हमारे समाज में कई ऐसी कुरीतियां मौजूद है, जहां पर डॉक्टर की जगह लोग आज भी मिथकों पर विश्वास करते हैं। ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश के बैतूल में भी किया जाता है, जहां आज भी लोग बीमारियों से निजात पाने के लिए मन्नतें मांगते हैं और जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो शरीर में लोहे की सुई से धागा पिरो कर इसके बीच में नाचते हैं। साथ ही बैल बनकर गाड़ियों को भी खींचते हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं इसी परंपरा के बारे में...

क्या है नाड़ा-गाड़ा परंपरा 
दरअसल, मध्यप्रदेश के बैतूल में आज भी सदियों पुरानी यह परंपरा निभाई जाती है। जिसमें लोग बीमारी को दूर करने के लिए देवी से मन्नत मांगते हैं और जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तो नाड़ा गाड़ा परंपरा को निभाते हैं। इस परंपरा में लोग अपने शरीर में लोहे की नुकीली सुई से धागे को पिरोते हैं और इस धागे से बड़ी-बड़ी गाड़ियों को खींचते हैं। चैत्र महीने की नवरात्र में लोग इस तरह से देवी के प्रति अपने समर्पण दिखाते हैं।

शरीर में घोपी जाती हैं हजारों सुईया 
नाड़ा-गाड़ा परंपरा में व्यक्ति के शरीर पर सबसे पहले मक्खन का लेप लगाया जाता है। इसके बाद एक सूती नाड़े को एक मोटी सी सुई की मदद शररी के दोनों तरफ से चमड़ी में पिरो दिया जाता है। इसके बाद इन नाड़ों के दोनों छोर को लोग पकड़ते हैं और इसके बीच भगत बना शख्स नाचता है। इस दौरान नाड़ा शरीर के अंदर ही रहता है। गांव वासियों का कहना है कि कई लोग सालों से यह परंपरा निभाते आ रहे हैं। इसे देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन जो लोग अपने शरीर में नाड़ा पिरोता है वह टस से मस नहीं होता हैं।

क्या है इसकी वजह
लोगों का कहना है कि शरीर में नाड़ा पिरोने की वजह से इस परंपरा का नाम नाड़ा-गाढ़ा पड़ा है। गाड़ा बैलगाड़ी का प्रतीक होता है, क्योंकि इसमें लोग बैल बनकर गाड़ियों को एक जगह से दूसरी जगह तक खींचते हैं। हालांकि, डॉक्टर्स के अनुसार अपने शरीर में नाड़ा पिरोना घातक हो सकता है, क्योंकि इससे शरीर में इंफेक्शन हो सकता है। वहीं, लोहे की सुइयां भी शरीर में घाव कर देती हैं।

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