
Gold Mangtika Designs For Chhath Festival: छठ महापर्व का आगाज दिवाली के बाद होगा। इस बार नहाय-खाय 25 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इसके बाद 26 को खरना, 27 को पहला अर्घ्य और 28 अक्टूबर को सूर्योदय अर्घ्य के साथ व्रत का समापन होगा। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व में व्रती को कठोर साधना करनी होती है। व्रती नए कपड़े पहनकर और सुहागिनें पूरे श्रृंगार के साथ छठी मईया की पूजा करती हैं। अगर आपकी पत्नी पहली बार छठ व्रत करने जा रही हैं, तो आप उन्हें गोल्ड मांगटीका गिफ्ट कर सकते हैं , यह उनके लिए पहला यादगार छठ बन जाएगा। यहां हम कुछ खूबसूरत डिजाइंस दिखा रहे हैं, जिनसे आप खरीदारी के लिए आइडिया ले सकते हैं।
राउंड मांगटीका हर फेस शेप की महिलाओं पर खूबसूरत लगती है। पर्पल स्टोन जड़े इस मांगटीका के नीचे गोल्ड बीड्स के लटकन लगाए गए हैं। इसके साथ ही चेन पर भी सुंदर कारीगरी की गई है और उसमें स्टोन जड़ा गया है। आप इस तरह का मांगटीका 5 ग्राम में ले सकते हैं।
लक्ष्मी मांगटीका भी बेहद सुंदर लगता है। चंद्राकार डिजाइन में बने इस मांगटीका के ऊपरी हिस्से में लक्ष्मी जी की मूर्ति बनी है, जो कमल पर विराजमान हैं। इसकी चेन पर भी कमल के डिजाइन उकेरे गए हैं। इस मांगटीका में बेहद बारीक और आकर्षक कारीगरी की गई है।
यह मांगटीका पाखी डिजाइन मांगटीका कहलाता है। इसमें दो मोर आकृतियों के बीच जड़ाऊ स्टोन और नक्काशीदार गोल्ड वर्क किया गया है। नीचे लटकते गोल्ड बीड्स इसे पारंपरिक और राजसी लुक देते हैं., दक्षिण भारतीय ब्राइडल जूलरी के लिए यह परफेक्ट है।
और पढ़ें: Sui Dhaga Earrings: 90% तक डिस्काउंट में पाएं गोल्ड जैसा लुक, देखें सुई धागा डिजाइन
5 ग्राम सोने के मांगटीका की कीमत सोने के वर्तमान बाजार भाव, डिजाइन और ज्वेलरी मेकिंग चार्ज पर निर्भर करती है। अगर हम अक्टूबर 2025 के औसत सोने के भाव की बात करें, तो 24 कैरेट सोने का दाम करीब ₹6,400 प्रति ग्राम है। इस हिसाब से केवल सोने की बेसिक कीमत लगभग ₹32,000 होती है। इसके अलावा, जड़ाऊ या कारीगरी वाले डिजाइन (जैसे पाखी डिज़ाइन मांगटीका) पर 10-20% तक मेकिंग चार्ज और जीएसटी भी जुड़ जाता है। कुल मिलाकर, 5 ग्राम का एक सुंदर पारंपरिक मांगटीका लगभग ₹36,000 से ₹40,000 के बीच मिल सकता है।
मांगटीका का जिक्र वैदिक काल से मिलता है। इसे स्त्री के सौभाग्य और सोलह श्रृंगार का अहम हिस्सा माना गया है। इसे माथे के बीचोंबीच इसलिए पहना जाता है क्योंकि यह आज्ञा चक्र या तीसरी आंख का स्थान है, जो आत्मविश्वास और एकाग्रता का प्रतीक है।
इसे भी पढ़ें: Necklace Offers: 88% तक ऑफ में पाएं अमीर घराने की बहुओं जैसे हार, दिवाली में दिखाएं जलवे