
रेड कोरल स्टोन (Red Coral Stone) को हिंदी में लाल मूंगा कहा जाता है। इसे समुद्र के भीतर रहने वाले छोटे जीवों (पॉलिप्स) के द्वारा बनाया जाता है। ये जीव कैल्शियम कार्बोनेट छोड़ते हैं जिससे समय के साथ एक ठोस और सुंदर मूंगे की संरचना बनती है। आज के समय में बाजार में नकली या ट्रीटेड मूंगे की भरमार है। ऐसे में असली मूंगे की पहचान करना बेहद जरूरी है। यहां जानें स्टोन सेलर नवरत्न जेम बाजार के मुताबिक असली मूंगा और उसकी प्योरिट जांचने के लिए कुछ घरेलू और साइंटिफिक तरीके।
वाइब्रेंट रेड कलर असली मूंगे का रंग गहरा लाल, चमकदार और एक समान होता है। सबसे कीमती मूंगा Ox Blood Red रंग में होता है। अगर मूंगे में रंग फीका, जगह-जगह, अलग-अलग शेड्स या अन्य रंग दिखे, तो इसकी क्वालिटी सही नहीं है। ध्यान रखें नकली मूंगे को बेहतर दिखाने के लिए उसे रंगने, ब्लीच करने या कोटिंग करने जैसी प्रक्रिया से गुजारा जाता है। असली और अनट्रीटेड मूंगा वही माना जाएगा, जो किसी प्रमाणित जेमोलॉजिकल लैब से प्रमाण पत्र के साथ आए।
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एक गिलास दूध में मूंगा रखें और कुछ मिनट इंतजार करें। अगर दूध का रंग थोड़ा बदलता है जैसे हल्का गुलाबी या पीला हो जाता है, तो पत्थर असली हो सकता है।
मूंगे की सतह पर पानी की एक बूंद डालें। अगर बूंद धीरे-धीरे बनी रहती है और नहीं गिरती, तो यह असली है। नकली पत्थर पर बूंद तुरंत फिसल जाती है।
एक कान साफ करने वाली रुई लें, उसे एसिटोन(Nail Polish Remover) में भिगोएं और मूंगे की सतह पर रगड़ें। अगर रुई पर लाल रंग आ जाए, तो वह डाय किया हुआ नकली मूंगा है।
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मूंगे पर नाखून से हल्का टैप करें। अगर आवाज कांच जैसी लगे, तो वह नकली हो सकता है। असली मूंगे से हल्की, म्यूट आवाज आती है।
हल्दी पाउडर में मूंगे को रगड़ें। अगर हल्दी का रंग नहीं बदलता, तो वह असली हो सकता है। अगर हल्दी लाल हो जाए, तो वह नकली मूंगा है।
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थोड़ा सा सिरका या नींबू का रस मूंगे पर डालें। अगर बुलबुले निकलें, तो वह असली हो सकता है क्योंकि मूंगा कैल्शियम कार्बोनेट से बना होता है। नकली में कोई रिएक्शन नहीं होता।
सबसे सुरक्षित तरीका है कि मूंगा किसी सरकारी या इंटरनेशनल प्रमाणित लैब से प्रमाणपत्र सहित खरीदा जाए। जैसे- IGI, GIA, या Navratan जैसी भरोसेमंद संस्थाओं को चुनें।